गैर-जिम्मेदार शॉट खेलकर आउट हुए रहाणे-पुजारा
मैच के पहले घंटे में मजबूत नजर आ रही भारतीय टीम के लिये लंच से पहले का स्कोर काफी निराश करने वाला रहा। भारतीय टीम ने ड्रिंक्स ब्रेक के बाद महज 13 रन के अंदर अपने 3 विकेट खो दिये। जहां पर मयंक अग्रवाल (26) मार्को जेनसन की सरप्राइज गेंद का शिकार हुए तो वहीं पर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने डुएन ओलिवर की लगातार 2 गेंदों पर खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया। जहां पर पुजारा बल्लेबाजी करते हुए अपने खड़े होने के तरीके की वजह से कैच दे बैठे तो वहीं पर मैदान पर अभी-अभी खेलने आये अजिंक्य रहाणे 5वें स्टंप पर जा रही गेंद पर ड्राइव खेलने की कोशिश में अपना विकेट गंवा बैठे।
एकाग्रता बना पाने में नाकाम रहे हैं रहाणे
जिस तरह से रहाणे-पुजारा लगातार बल्लेबाजी में संघर्ष करते नजर आ रहे हैं, उसे देखते हुए पिछले कुछ समय से लगातार उन्हें टीम से बाहर करने की मांग की जा रही है, हालांकि टीम मैनेजमेंट ने इस जोड़ी पर अपना भरोसा बरकरार रखा और मौके दे रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतीय मध्यक्रम की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाली यह जोड़ी खराब फॉर्म से गुजर रही है या फिर उनके खराब शॉर्ट के पीछे गैर-जिम्मेदाराना एटिट्यूड है।
गौरतलब है कि अजिंक्य रहाणे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से बाहर होने के बाद जब सेंचुरियन में वापसी की तो ज्यादा बेहतर तरीके से खेलते नजर आये और अच्छे शॉट खेलते हुए 48 रनों की पारी खेली तो वहीं पर दूसरी पारी में 20 अच्छे रन बनाये। इस दौरान रहाणे दोनों पारियों में खुद को लगातार गेंद देखते रहने के लिये याद दिलाते नजर आये, हालांकि जैसे ही उन्हें लगा कि वो अब सफल हो गये हैं और आसानी से रन बना सकते हैं, जिसकी वजह से अपना विकेट गंवा दिया। जोहान्सबर्ग में भी वो इसी रवैये के चलते वो गोल्डन डक कि शिकार हो गये। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अजिंक्य रहाणे कॉन्सिन्ट्रेशन बना पाने में नाकाम हो रहे हैं और यह वजह उनकी बेहतरीन तकनीक पर हावी हो रही है और वो लगातार फ्लॉप साबित हो रहे हैं।
इस वजह से खराब रही है पुजारा की बल्लेबाजी
वहीं पर पुजारा की बात करें तो 2019 के बाद से जिस तरह की उनकी बल्लेबाजी रही है उसमें कोई खास रन नहीं आये हैं और यही वजह है कि वो जब भी बल्लेबाजी करने आते हैं दबाव में नजर आते हैं। सलामी बल्लेबाजों ने भले ही कितनी अच्छी शुरुआत दी हो पुजारा खुद पर रन न बना पाने का दबाव लेकर खेलते हुए नजर आते हैं और अच्छी शुरुआत के बावजूद पुजारा तीसरे नंबर पर रन बटोर पाने में नाकाम होते हैं। यही कारण है कि जब सेंचुरियन में भारतीय टीम ने पहले विकेट के लिये 117 रनों की साझेदारी की और मयंक अग्रवाल के आउट होने के बाद जब पुजारा आये तो इतनी बड़ी शुरुआत के बावजूद खुद पर रन बनाने का दबाव ले बैठे और गोल्डन डक पर आउट हो गये। कोहली की गैर-मौजूदगी में यह सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी थी कि वो इस मैच में खुद पर भरोसा जताये और कुछ रन का योगदान दें, हालांकि रहाणे-पुजारा की जोड़ी यह करने में नाकाम रही और पहले सेशन के बाद साउथ अफ्रीका की टीम पकड़ बनाये हुए नजर आ रही है।