विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में प्वाइंटस टेबल पर नजर
वहीं, भारत सीरीज के दो मैच जीत 80 अंक इस सीरीज से ले चुका है, लेकिन उसकी कोशिश भी 40 अंक और लेने की होगी जो चैम्पियनशिप में अहम पड़ाव पर उसे फायदा पहुंचा सकते हैं। दो टूक बात कही जाए तो यह मैच किसी भी लिहाज से औपचारिकता मात्र नहीं माना जा सकता और दोनों टीमें यहां भी उसी प्रतिस्पर्धा और जुनून के साथ खेलेंगी जैसे सीरीज की शुरुआत में खेली थीं।
सीरीज में भारत का रहा है एकतरफा प्रदर्शन
भारत अभी तक दोनों मैचों- विशाखापट्टनम और पुणे में एकतरफा प्रदर्शन करती आई है। उसने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा किया है। मेजबान अपने फॉर्म को जारी रखने की पूरी कोशिश करेगी।
भारत की बल्लेबाजी इस सीरीज में विशाल स्कोर खड़ा करती रही है। पहले मैच में मयंक अग्रवाल के दोहरे शतक और रोहित शर्मा के दोनों पारियों में शतक के बूते भारत ने विशाल स्कोर किया था।
वहीं दूसरे मैच में मयंक ने फिर अपना जलवा दिखाया और इस बार उन्हें कप्तान विराट कोहली का साथ मिला था। कोहली ने पुणे में खेले गए मैच में अपने टेस्ट करियर का सातवां दोहरा शतक जड़ा था। इनके दम पर भारत ने 600 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और दक्षिण अफ्रीका को पारी से मात दी थी।
डुप्लेसिस ने दी खिलाड़ियों को नसीहत
भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि विपक्षी टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने हाल ही में अपनी टीम के बल्लेबाजों को भारत से सीखने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की बात कही थी।
मेहमान टीम के बल्लेबाज अपने कप्तान की बात को कितना गंभीरता से लेते हैं वो मैच में ही पता चलेगा। हां, यहां कि विकेट बल्लेबाजों के अनुरूप मानी जाती है और अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर स्कोरबोर्ड पर बड़ा स्कोर देखा जा सकता है।
मैच से पहले बुरी खबर
दक्षिण अफ्रीका को हालांकि मैच से पहले एक बुरी खबर मिली है। उसके सलामी बल्लेबाज एडिन मार्कराम चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं। उनके स्थान पर डु प्लेसिस किसे टीम में स्थान देते हैं यह उनके चिंता का विषय होगा।
मेहमान टीम के लिए अभी तक डी एल्गर कुछ अच्छा कर पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने पहले मैच में शतक लगाया था। उनके अलावा कप्तान और क्विंटन डी कॉक ने भी ठीक प्रदर्शन किया है। टेम्बा बावुमा, थेयुसि डी ब्रूयन के बल्ले का खामोश होना टीम के लिए चिंता की बात है।
दूसरे टेस्ट मैच में केशव महाराज ने संघर्षपूर्ण 72 रनों की पारी जरूर खेली थी लेकिन उनसे हर मैच में रन करने की उम्मीद करना बेमानी होगा।
गेंदबाजों के सामने बड़ी चुनौती
दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत की गेंदबाजी सबसे बड़ी परेशान है। मोहम्मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा ने नई गेंद से उन्हें परेशान किया और जब विकेट से रिवर्स स्विंग मिलने लगती है तो यह सभी खासकर शमी और घातक हो जाते हैं।
रांची की विकेट चौथे और पांचवें दिन टूट सकती है। इस स्थिति में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा एक बार फिर मेहमान टीम के लिए सबसे बड़ी समस्या होंगे। भारत ने दूसरे मैच में हनुमा विहारी को बाहर कर उमेश को मौका दिया था। तीसरे मैच में कोहली क्या संयोजन रखते हैं। यह देखना होगा। कागिसो रबाडा को छोड़ दिया जाए तो दक्षिण अफ्रीका का कोई और गेंदबाज मेजबान टीम के लिए परेशानी नहीं बन सका है। सेनुरान मुथुसामी और महाराज की स्पिन का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।