बल्लेबाजी की कमजोरी से कोहली को उबरना होगा
पिछले 2 सालों से भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली उस रन गति से रन नहीं बना पा रहे हैं जिसके लिए वह जाने जाते हैं। साल 2020 में उनके बल्ले से करीब 20 की औसत से रन आए हैं तो वहीं पर 2021 में यह औसत बढ़ कर महज 29 के पार हुई है। कोहली के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो उनका औसत 50 से भी ज्यादा है लेकिन पिछले 3 सालों में यह काफी हद तक गिर गया है। सेंचुरियन टेस्ट में कोहली ने पहली पारी में 35 तो दूसरी पारी में 18 रनों का योगदान दिया। इस दौरान वह बल्लेबाजी की अच्छी लय में नजर आ रहे थे हालांकि दोनों ही पारियों में उन्होंने एक ही तरह से अपना विकेट खोया।
कोहली ऑफ साइड से बाहर जाती हुई गेंद पर ड्राइव लगाने के चक्कर में स्लिप पर खड़े फील्डर को अपना कैच थमाते नजर आए। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साल 2018 के बाद से कोहली अब तक 11 बार ठीक इसी तरह अपना विकेट गंवा चुके हैं ऐसे में भारतीय टीम का मध्यक्रम उतने रन नहीं बना पा रहा है जितनी उसकी काबिलियत है। अगर भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज में जीत हासिल करनी है तो विराट कोहली को अपनी इस कमी को दूर कर रन बनाने की पुरानी लय में लौटना होगा।
सिर्फ समय ही नहीं पुजारा को रन भी बनाने होंगे
भारतीय टीम के लिए पिछले कुछ समय में मध्यक्रम की बल्लेबाजी एक बड़ी समस्या बनी हुई है जिसमें चेतेश्वर पुजारा का रोल काफी अहम रहा है। कप्तान कोहली की ही तरह चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से भी आखरी शतक 2019 में आया था, हालांकि जहां कोहली ने नवंबर 2019 में आखिरी शतक लगाया था तो वहीं पर पुजारा के बल्ले से साल के शुरुआत में यह शतक आया था। सेंचुरियन टेस्ट में भी पुजारा के बल्ले से कुछ खास रन नहीं निकले जहां पहली पारी में वह गोल्डन डक का शिकार हुए तो वहीं पर दूसरी पारी में महेश 16 रन ही बना सके। 2019 के बाद से पुजारा के बल्ले से महज 22 की औसत से ही रन आये हैं। ऐसे में भारतीय टीम की बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए पुजारा का रन बनाना बहुत जरूरी है। उल्लेखनीय है कि आने वाले टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की जीत के लिए बल्लेबाजी काफी अहम साबित होने वाली है वरना साल 2018 की ही तरह गेंदबाजों के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम को सीरीज की जीत से महरूम रहना पड़ेगा।
ज्यादा कॉनसंट्रेशन के साथ रहाणे को करनी होगी बल्लेबाजी
अपनी खराब बल्लेबाजी की वजह से पिछले कुछ समय से लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रहे पूर्व उप कप्तान अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी भी सोच का विचार है। सेंचुरियन टेस्ट में रहाणे ने पहले के मुकाबले कुछ बेहतर शॉट्स खेले और पहली पारी में 48 और दूसरी में 20 रनों का योगदान दिया। हालांकि इस दौरान जैसे ही रहाणे बल्लेबाजी में अपनी लय को वापस हासिल करते नजर आए उनका ध्यान भंग हो गया और उन्होंने अपना विकेट खो दिया। भारत को अगर सीरीज में अपनी बढ़त को बरकरार रखना है तो रहाणे को ज्यादा कॉनसेंट्रेशन के साथ बल्लेबाजी करनी होगी।