पिच पर बहुत ज्यादा फंसते हैं पुजारा
पुजारा की फ्लॉप बल्लेबाजी पर इंडिया टुडे से बात करते हुए मदन लाल का मानना है कि भारतीय टीम के पास इस समय कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो प्लेइंग 11 में चेतेश्वर पुजारा की जगह ले सकते हैं। मदनलाल का मानना है कि पुजारा पिच पर काफी फंसते नजर आते हैं और जिस एप्रोच के साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं वह दर्शाता है कि वो बल्लेबाजी में संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,'पुजारा संघर्ष कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो पुजारा को बाहर धकेल कर प्लेइंग 11 में उनकी जगह ले सकते हैं। नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिये कप्तान को भी एक ऐसे खिलाड़ी की दरकार होती है जो पारी को संभाल सके और उसी समय कुछ रन जोड़ कर स्कोर बोर्ड को चलाता रहे। कई मौकों पर पुजारा हद से ज्यादा फंसते नजर आ रहे हैं, जो कि बताता है कि वो संघर्ष कर रहे हैं।'
रहाणे को टीम में रहने के लिये बनाने होंगे रन
इस दौरान मदन लाल ने अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी को लेकर भी बात की और कहा कि पिछले मैचों में संघर्ष करते नजर आये अजिंक्य रहाणे के लिये रन बनाना काफी जरूरी हो गया है। वह खुद को मिली शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील करने की ओर देख रहे हैं। उनके पास शानदार बल्लेबाजी तकनीक है लेकिन उन्हें अपनी पारी को बड़ा करने की दरकार है, हालांकि पुजारा की ही तरह रहाणे भी खराब दौर से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा,'अजिंक्य रहाणे को भारतीय टीम के मध्यक्रम में अपनी जगह बनाये रखने के लिये रन बनाने होंगे। वह तकनीकी रूप से काफी फिट खिलाड़ी है और जब वो रन बनाते हैं तो उनके पास आत्म-विश्वास का भंडार नजर आयेगा। आगे जाते हुए जब टीम खेलेगी तो कोहली को मध्यक्रम में एक ऐसे खिलाड़ी की दरकार होगी जो कि पारी को संभाल कर रन बना सके।'
2 साल से नहीं लगा सके शतक
आपको बता दें कि अजिंक्य रहाणे ने सेंचुरियन टेस्ट में जिस हिसाब से रन बनाये उसे देखते हुए भारतीय टीम उन्हें सीरीज के बचे हुए दो मैचों में से कम से कम एक मैच में खेलने का मौका जरूर देगी। वहीं पर चेतेश्वर पुजारा के लिये एक और खराब प्रदर्शन उन्हें टीम से बाहर की राह दिखा सकता है। चेतेश्वर पुजारा साल 2019 के बाद से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कोई शतक नहीं लगा सके हैं तो वहीं पर उनकी बल्लेबाजी का औसत भी 20 के आस-पास पहुंच गया है। वहीं भारतीय मध्यक्रम से पिछले 2 साल में सिर्फ एक ही शतक आया है जो कि टीम के लिये काफी चिंता का विषय बन गया है।