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आखिर कौन है मैच फिक्सिंग का किंग संजीव चावला, जिसके भारत आने पर घबरा रहे हैं पूर्व खिलाड़ी

नई दिल्ली। साल 1999-2000 के बीच भारतीय क्रिकेट में एक जबरदस्त अफरा तफरी देखने को मिली थी और इसके पीछे का कारण था मैच फिक्सिंग। आज लगभग 20 साल बाद भारतीय क्रिकेट की वो भयानक यादें एक बार फिर ताजा हो गई है क्योंकि आखिरकार मैच फिक्सिंग का किंग माने जाना वाला संजीव चावला प्रत्यर्पण के बाद भारत वापस आ गया है। संजीव चावला के जरिये होने वाली इस मैच फिक्सिंग का भंडा फोड़ साल 2000 में हुआ था जब सट्टेबाज संजीव चावला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 15 मार्च और 19 मार्च को खेले गए मैच में फिक्सिंग की बात सामने आई थी।

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फिलहाल संजीव चावला भारत आ गया है और उसे 12 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि 20 साल बाद संजीव चावला के भारत आने के बाद कुछ पूर्व भारतीय खिलाड़ियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइये विस्तार से समझते हैं पूरे मामले को:

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आखिर क्या था मामला?

आखिर क्या था मामला?

साल 2000 में दक्षिण अफ्रीका की टीम दिवंगत कप्तान हैंसी क्रोनिये की कप्तानी में भारत दौरे पर आई थी। इस दौरे पर साउथ अफ्रीका ने भारत के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी जबकि 5 मैचों की वनडे सीरीज। टेस्ट सीरीज की कमान सचिन तेंदुलकर के हाथ में थी जिसमे भारत को 2-0 से हार का सामना करना पड़ा जबकि वनडे सीरीज की कमान सौरव गांगुली के हाथ में थी जिसमें भारत ने 3-2 से जीत हासिल की।

हालांकि बाद में जानकारी मिली कि वनडे सीरीज के दौरान 2 मैचों में फिक्सिंग की गई थी, जिसको लेकर दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका टीम के कैप्टन रह चुके दिवंगत हैंसी क्रोनिए और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी,, जिसमें हर्शल गिब्स और निकी बोए का नाम भी शामिल था। हालांकि इन दोनों खिलाड़ियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के कारण दिल्ली पुलिस को उनका नाम चार्जशीट से हटाना पड़ा।

भारत की हार पर फिक्स किये गये थे मैच

भारत की हार पर फिक्स किये गये थे मैच

पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार जिन दो मैच को फिक्स किया गया था उनमें भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ हारना था। पहला मैच जो फिक्स किया गया था वो 15 मार्च को फरीदाबाद के नाहर सिंह स्टेडियम में खेला गया था जबकि दूसरा मैच 19 मार्च को नागपुर विदर्भ क्रिकेट एसोशिएसन स्टेडियम में खेला गया था।

इस संबंध में 2013 में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी। इसमें हैंसी क्रोनिए, सट्टेबाज संजीव चावला, मनमोहन खट्टर, दिल्ली के राजेश कालरा और सुनील दारा सहित टी सीरीज के मालिक के भाई कृष्ण कुमार को आरोपी बनाया गया था।

पूर्व अफ्रीकी कप्तान ने किये चौंकाने वाले खुलासे

पूर्व अफ्रीकी कप्तान ने किये चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में संजीव चावला और साउथ अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिये के बीच की एक कॉल को पकड़ा जिसमें क्रोनिये मैच फिक्सिंग की बात स्वीकार करते हुए पैसों के लेन-देन की बात करते नजर आते हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों से पूछताछ करने के लिये सरकार से अनुमति मांगी जिसे दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने देने से इंकार कर दिया।

इस मामले में एक न्यायिक जांच शुरु की गई जिसके दौरान हैंसी ने मैच फिक्सिंग में लिप्त होने की बात को स्वीकार कर लिया। उन्हें तुरंत ही क्रिकेट के हर प्रारूप से बैन कर दिया गया।

इस दौरान हैंसी ने चौंकाने वाले खुलासे किये। क्रोनिये ने अपने बयान में पाकिस्तान समेत कई भारतीय खिलाड़ियों के नाम का खुलासा किया जो कि इस मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल थे।

मैच फिक्सिंग में आया था इन भारतीय खिलाड़ियों का नाम

मैच फिक्सिंग में आया था इन भारतीय खिलाड़ियों का नाम

हैंसी क्रोनिये ने बताया कि इस मैच फिक्सिंग में पाकिस्तान के सलीम मलीक, भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, बल्लेबाज अजय जडेजा, हर्शल गिब्स और निकी बोजे का नाम भी लिया था। सबूतों की कमी के चलते हर्शल गिब्स और निकी बोजे को छोड़ दिया गया जबकि बाकी सभी खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया गया। अजय जडेजा पर 4 साल का बैन लगा लेकिन उसके बाद वह किसी भी स्तर पर वापसी नहीं कर पाये।

इस दौरान पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी मनोज प्रभाकर और अजय शर्मा का नाम भी सामने आया। मनोज प्रभाकर 1996 में ही सभी प्रारूप से रिटायरमेंट ले चुके थे जबकि अजय शर्मा पर आजीवन बैन लगा दिया गया। साल 2014 में दिल्ली की डिस्ट्रीक्ट कोर्ट ने अजय शर्मा को सभी आरोपों से बरी करते हुए बोर्ड की गतिविधियों में भाग लेने की आजादी दी।

संजीव चावला के भारत आने से कैसे बढ़ सकती है इन खिलाड़ियों की मुश्किल

संजीव चावला के भारत आने से कैसे बढ़ सकती है इन खिलाड़ियों की मुश्किल

मैच फिक्सिंग का मामला सामने के तुरंत बाद ही संजीव चावला लंदन भाग गया था, उसे भारत में प्रत्यर्पण करने में 20 साल लग गये। दिल्ली क्राइम ब्रांच की ओर से संजीव चावला के प्रत्यर्पण के लिये तैयार किये गये डोजियर से पता चलता है कि उसके लंदन स्थित 4 मोंक विले एवेन्यू बंगले में कई भारतीय क्रिकेर्ट्स का आना-जाना लगा रहता था।

इतना ही नहीं, पुलिस की ओर से बरामद चावला की कॉल लिस्ट से साल 2000 के जनवरी से मार्च के बीच 'कॉल डेटा रिकॉर्ड्स' (सीडीआर) में कई भारतीय क्रिकेटर्स के फोन नंबर पाए गए हैं जिन पर लंबी बात हुई है।

सीडीआर से खुलेगी भारतीय खिलाड़ियों की पोल

सीडीआर से खुलेगी भारतीय खिलाड़ियों की पोल

दिल्ली पुलिस के एक पूर्व आयुक्त ने कहा, 'चावला के लंदन भाग जाने के बाद उससे पूछताछ नहीं की जा सकी। बाद में तत्कालीन भारतीय क्रिकेटरों को वैश्विक सट्टेबाजों से जोड़ने वाले सीडीआर की भी जांच नहीं हो पाई थी।'

जांच के दौरान यह भी पता चला कि भारत, पाकिस्तान, वेस्ट इंडीज और साउथ अफ्रीका के कई खिलाड़ी चावला के संपर्क में थे और इनमें से अधिकतर खिलाड़ी बुकी के 230 कमर्शियल रोड लंदन ईआई 2 एनबी स्थित रेस्तरां ईस्ट इज ईस्ट गए थे। दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर अजय राज शर्मा ने दुबई स्थित सट्टे के सिंडिकेट्स के साथ चावला के संबंधों के बारे में कहा कि दिल्ली पुलिस को शुरुआत में अंडर वर्ल्ड के एक सदस्य द्वारा उपयोग किए गए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के एक नंबर का पता चला था।

आखिर कौन है संजीव चावला?

आखिर कौन है संजीव चावला?

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मैच फिक्सिंग के किंग के नाम से मशहूर संजीव चावला दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में कपड़ों का एक साधारण व्यपारी था। संजीव ने अभी अपने पिता का बिजनेस संभाला ही था कि उसे क्रिकेट मैच में सट्टेबाजी की ऐसी आदत लगी कि फिर वह नहीं रुका। इस आदत से उसे बिजनेस से 10 गुना ज्यादा लाभ मिल रहा था इसलिये उसने जल्दी ही दूसरे बुकीज के साथ मिलकर विदेशी दौरों पर जाना शुरू कर दिया।

जल्द ही फिक्सिंग का किंग बन गया संजीव चावला

जल्द ही फिक्सिंग का किंग बन गया संजीव चावला

धीर-धीरे संजीव चावला ने प्रभाव बढ़ाना शुरु किया और पार्टियों में जल्दी ही क्रिकेटर्स से मिलने लगा। 1998-1999 के बीच तो उसका प्रभाव इतना हो गया गया कि पैसे के दम पर उसने प्रमुख क्रिकेट टूर्नमेंट्स के परिणाम ही बदलवाना शुरू कर दिए। चावला के इन मामलों की जांच करने वाली टीम का दावा है कि उसके इस काले कारनामे में 1999 में शारजहां में खेली गई क्रिकेट सीरीज भी शामिल है, जो फिक्स की गई थी।

मैच फिक्सिंग का मामला सामने आने पर भागा लंदन, बन गया ब्रिटिश नागरिक

मैच फिक्सिंग का मामला सामने आने पर भागा लंदन, बन गया ब्रिटिश नागरिक

भारत सरकार ने मैच फिक्सिंग में उसकी संलिप्ता के आरोप सामने आने के बाद उसका पासपोर्ट रद्द किया था। हालांकि इसके बावजूद ब्रिटेन ने उसे लंदन में 2003 तक रहने की मंजूरी दे दी और साल 2005 में उसे ब्रिटिश नागरिकता हासिल हो गई। इसके बाद उसने लंदन के केनिंग्टन में 6 बेडरूम वाली एक आलीशान प्रॉपर्टी खरीद ली। उस वक्त उसकी कीमत करीब 10 लाख यूरो थी।

Story first published: Saturday, February 15, 2020, 8:02 [IST]
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