एस श्रीसंत (Sreesanth, Johannesburg, 2006)
साउथ अफ्रीका में भारतीय गेंदबाजों के जादुई प्रदर्शन की बात हो और तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता, यहां तक कि यह कहना गलत नहीं होगा कि श्रीसंत की ओर से साल 2006 में फेंका गया जादुई स्पेल साउथ अफ्रीका में भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन को परिभाषित करती है। साल 2006 में भारतीय टीम जब साउथ अफ्रीका के दौरे पर पहुंची थी तो श्रीसंत की गेंदबाजी ने उसे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में प्रोटिज के खिलाफ उसी के घर में पहली जीत दिलाने में अहम रोल निभाया था। भारत ने जोहान्सबर्ग में खेले गये इस मैच में 123 रनों से जीत हासिल की थी।
श्रीसंत ने इस मैच की पहली पारी में 40 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किये थे। जोहान्सबर्ग टेस्ट में श्रीसंत ने कप्तान ग्रीम स्मिथ को अपने दूसरे ही ओवर में चलता किया जिसके बाद इसी स्पेल में उन्होंने हाशिम अमला और हर्शेल गिब्स का विकेट भी झटका। नई बॉल से श्रीसंत ने टॉप ऑर्डर को ध्वस्त किया और बाद में शॉन पोलॉक का विकेट लेकर अपना 5 विकेट हॉल पूरा किया। उनकी गेंदबाजी की वजह से साउथ अफ्रीका की टीम पहली पारी में 165 रन पीछे रह गई और दूसरी पारी में श्रीसंत ने 3 और विकेट झटक भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
इशांत शर्मा (Ishant Sharma, Johannesburg, 2013)
श्रीसंत के शानदार प्रदर्शन के बाद जोहान्सबर्ग के मैदान पर ही 7 साल बाद इशांत शर्मा ने भी कहर बरपाया। 2013 में खेले गये इस टेस्ट मैच में जोहान्सबर्ग की उछाल भरी पिच पर इशांत शर्मा ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट हासिल किये। जोहान्सबर्ग टेस्ट की पहली पारी में इशांत शर्मा ने नई गेंद से अलविरो पीटरसन के विकेट से शुरुआत की और अपने दूसरे स्पेल में वापसी करते हुए हाशिम अमला और जैक्स कैलिस को भी वापस भेज दिया। इशांत ने अपना 4 विकेट हॉल डेल स्टेन के विकेट के साथ पूरा किया और भारतीय टीम को पहली पारी में 36 रन की बढ़त दिलाई।
जहीर खान (Zaheer Khan, Johannesburg, 2013)
2013 की टेस्ट सीरीज में भारत को ऐतिहासिक जोहान्सबर्ग टेस्ट में सिर्फ इशांत शर्मा के ही 4 विकेट हॉल ने अहम भूमिका नहीं निभाई बल्कि जहीर खान ने भी शानदार प्रदर्शन किया और कप्तान ग्रीम स्मिथ, फाफ डुप्लेसिस समेत कुल 4 विकेट अपने नाम किये। जहीर खान ने 88 रन देकर 4 विकेट हासिल किये जिसकी वजह से भारत ने 36 रनों की बढ़त हासिल की।
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah, Johannesburg, 2018)
जसप्रीत बुमराह ने अपने डेब्यू के बाद से ही दुनिया भर के दिग्गजों को गेंदबाजी से प्रभावित किया था लेकिन 2018 के साउथ अफ्रीकी दौरे से पहले उन्हें सिर्फ एक सीमित ओवर गेंदबाज के रूप में ही देखा जाता था। हालांकि 2018 के इस दौरे पर जब उन्हें डेब्यू का मौका दिया गया तो उन्होंने पहले दो टेस्ट मैचों में 8 विकेट चटकाकर अपने टैलेंट का परिचय दिया और उन सभी लोगों को करारा जवाब दिया जो उन्हें सीमित ओवर प्रारूप का गेंदबाज मानते थे। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में उनका बेस्ट आना बाकी था जिसकी झलक सीरीज के आखिरी मैच में जोहान्सबर्ग टेस्ट के दौरान मिली।
बुमराह ने सीरीज के आखिरी मैच की पहली पारी में अपना पहला 5 विकेट हॉल लिया और साउथ अफ्रीकी टीम की कमर तोड़ दी। बुमराह ने शानदार बल्लेबाजी कर रहे हाशिम अमला, कप्तान फाफ डुप्लेसिस, क्विंटन डिकॉक, एंडिले फेकलुक्वायो और लुंगी एंगिडी का विकेट लेकर अपना पहला 5 विकेट हॉल पूरा किया और साउथ अफ्रीका सरजमीं पर यह कारनामा करने वाले चौथे भारतीय तेज गेंदबाज बने। बुमराह के स्पेल की वजह से साउथ अफ्रीकी टीम 194 रन पर सिमट गई और भारत ने 7 रन की मामूली बढ़त हासिल कर ली।
मोहम्मद शमी (Mohammed Shami, Johannesburg, 2018)
जोहान्सबर्ग टेस्ट के इस मैच में जहां पहली पारी में बुमराह ने कहर ढाया तो वहीं पर दूसरी पारी में मोहम्मद शमी का जलवा देखने को मिला। कोहली और रहाणे की जुझारु पारियों और भुवनेश्वर कुमार की अहम पारी के दम पर भारतीय टीम ने इस मैच में 241 रनों का लक्ष्य दिया। जिसे बचाने के लिये जब गेंदबाज उतरे तो मोहम्मद शमी ने एडेन मार्कर्म का विकेट लेकर वो शुरुआत दिलाई जिसकी भारत को दरकार थी। इसके बाद मोहम्मद शमी ने लोअर ऑर्डर बल्लेबाजों के 4 विकेट महज 17 रन के अंदर निकालकर भारत को 63 रनों की ऐतिहासिक जीत दिलाई। मोहम्मद शमी ने इस मैच के दौरान 28 रन देकर 5 विकेट हासिल किये।
जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath - Port Elizabeth, 2001 और Cape Town, 1993)
साल 2001 में पोर्ट एलिजाबेथ के मैदान पर खेले गये इस मैच में भारतीय टीम सीरीज का पहला मैच हारकर पहुंची थी, जहां पर उसे सीरीज में बने रहने के लिये हर हाल में जीत हासिल करनी थी या फिर कम से कम मैच को हारना नहीं था। भारतीय टीम के लिये यह उम्मीद उसके तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने जिंदा रखी जिन्होंने इस मैच में 76 रन देकर 6 विकेट हासिल किये और भारतीय टीम को हार से बचाया। श्रीनाथ ने साउथ अफ्रीका के टॉप 3 में से दो बल्लेबाजों (गैरी कर्स्टन और जैक्स कैलिस) का विकेट लिया, जिसके बाद लोअर ऑर्डर में 4 विकेट हासिल किये। हर्षल गिब्स ने इस मैच में 196 रनों की शानदार पारी खेली लेकिन जवागल श्रीनाथ की गेंदबाजी के चलते भारतीय टीम साउथ अफ्रीका को 362 पर रोकने में कामयाब रही। आखिरी पारी में भारतीय टीम ने दीप दासगुप्ता और राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी के दम पर मैच को ड्रॉ करा दिया।
जवागल श्रीनाथ का दूसरा जादुई स्पेल 1993 में खेली सीरीज के दौरान केपटाउन टेस्ट में आया था जहां पर तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम 9 विकेट से हारकर पहुंची थी। साउथ अफ्रीका की टीम ने सीरीज में 1-0 की बढ़त ली हुई थी और अजहरुद्दीन की कप्तानी वाली टीम सीरीज बराबर करना चाह रही थी। हालांकि भारतीय टीम पहली पारी में 276 रनों पर सिमट गई और लक्ष्य हासिल करने से 85 रन पीछे रह गई। वहीं दूसरी पारी में जवागल श्रीनाथ ने गेंदबाजी से कहर बरपाया और अफ्रीकी टीम के टॉप 3 बल्लेबाजों का विकेट हासिल कर कमर तोड़ दी। जवागल श्रीनाथ ने इस मैच में 33 रन देकर 4 विकेट हासिल किये और भारत को सीरीज में तीसरी बार मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई।
अनिल कुंबले (Anil Kumble, Johannesburg, 1992)
इस फेहरिस्त में अगला नाम भारत के सबसे बड़े स्पिन के जादूगर अनिल कुंबले का है जिन्होंने 1992 की टेस्ट सीरीज के दौरान 53 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किये थे। सीरीज का पहला मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था और दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में सचिन तेंदुलकर की शतकीय पारी के बावजूद भारतीय टीम 65 रन से पीछे हो गई थी। दूसरी पारी में साउथ अफ्रीका के लिये सलामी बल्लेबाज एंड्रयू हडसन और विकेटकीपर बल्लेबाज डेविड रिचर्डसन ने अर्धशतक लगाकर भारत पर दबाव बढ़ा दिया। तभी कुंबले गेंदबाजी करने आये और 6 विकेट हासिल कर साउथ अफ्रीका को विशाल लक्ष्य देने से रोक दिया। भारत को जीत के लिये 318 रनों की दरकार थी जिसे बल्लेबाजों ने आखिरी दिन तक खेलकर मैच को ड्रॉ करा दिया।
हरभजन सिंह (Harbhajan Singh, Durban, 2010 और Cape Town, 2011)
साउथ अफ्रीका की परिस्थितियां आमतौर पर तेज गेंदबाजों के अनुरूप मानी जाती हैं लेकिन स्पिन गेंदबाजों ने भी यहां पर कई जादुई स्पेल फेंके हैं। इस फेहरिस्त में पहला नाम हरभजन सिंह का है जिनकी शानदार गेंदबाजी स्पेल के दम पर भारत ने 2010 में डर्बन के मैदान पर खेले गये टेस्ट मैच में 87 रनों की जीत हासिल की थी। सीरीज में 1-0 से पीछे चल रही भारतीय टीम ने डरबन के मैदान पर खेले गये इस मैच की पहली पारी में खराब बल्लेबाजी की और 205 रन पर ढेर हो गई। जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम के लिये हाशिम अमला 46 गेंदों में 33 रन बनाकर टीम को आगे ले जा रहे थे, तभी हरभजन सिंह की एंट्री हुई और उन्होंने अमला का विकेट झटक कर राहत दिलाई। इसके बाद हरभजन ने अगली 26 गेंदों में 3 और विकेट हासिल किये और अफ्रीकी टीम 131 रन पर सिमट गई। हरभजन ने इस मैच में महज 10 रन देकर 4 विकेट हासिल किये थे।
हरभजन सिंह का दूसरा शानदार प्रदर्शन इसी टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में आया जहां पर उन्होंने 7 विकेट हासिल कर भारत को सीरीज गंवाने से बचाया और 1-1 से ड्रॉ पर खत्म किया। पहली पारी में साउथ अफ्रीकी टीम की ओर से बनाये गये स्कोर का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर (146) और गौतम गंभीर (93) की पारियों के दम पर लगभग बराबर का स्कोर खड़ा किया जिसके बाद दूसरी पारी में हरभजन सिंह ने अपनी फिरकी में अफ्रीकी बल्लेबाजों को नचाया और 120 रन देकर 7 विकेट अपने नाम कर लिये। हरभजन सिंह ने पहले अफ्रीकी टीम के टॉप 4 बल्लेबाजों का विकेट हासिल किया और अंत में लोअर ऑर्डर बल्लेबाजों को भी नचाया।