वीनू मांकड़ और पंकज रॉय बनाम न्यूजीलैंड, 1956
साल 1956, में न्यूजीलैंड की टीम भारत की सरजमीं पर पहली बार दौरा करने आई थी। इस दौरान कीवी टीम को भारत के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी। भारत अब तक 4 टेस्ट मैच खेल चुका था जिसमें से उसे 1 में जीत और 3 में ड्रॉ का सामना करना पड़ा था। जनवरी का महीना था लेकिन मैच चेन्नई में होने की वजह से खिलाड़ियों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
भारत के लिए सलामी बल्लेबाज के रूप में वीनू मांकड़ और पंकज रॉय मैदान पर उतरे। दोनों बल्लेबाजों ने कीवी गेंदबाजों को परेशान करते हुए पहले विकेट के लिए 413 रन जोड़े। वीनू मांकड़ ने 525 गेंदों का सामना किया और 231 रनों की पारी खेली जबकि पंकज रॉय ने 472 गेंदों का सामना करते हुए 173 रन की पारी खेली। इस जोड़ी की बदौलत भारत ने 537 रन के स्कोर पर पारी घोषित कर दी, मजे की बात यह है कि अपनी इस पारी के दौरान किसी भी खिलाड़ी ने एक भी छक्का नहीं लगाया, कुल 33 चौके लगे और वो भी इसी सलामी जोड़ी के बल्ले से।
भारत ने इस मैच को एक पारी और 109 रन से जीत लिया और सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड भी इतिहास के पन्नों में अपने नाम कर लिया।
वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ बनाम पाकिस्तान, 2006
साल 2006, अपने चिर परिचित प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने लाहौर के मैदान पर भारतीय टीम पहुंची। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम के लिये यह पहला ही टेस्ट मैच था। भारतीय टीम टॉस हार गई। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पाकिस्तान के लिए शोएब मलिक (59) और सलमान बट्ट (6) कुछ खास शुरुआत नहीं दे पाये और जल्द ही वापस पवेलियन लौट गए। लेकिन मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने उतरे यूनिस खान (199) और मोहम्मद यूसुफ (173) ने 319 रनों की साझेदारी की और बाद में शाहिद अफरीदी और कामरान अकमल के शतक की बदौलत पाकिस्तान ने भारत के सामने 679 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा कर दिया।
जीत की राह से कोसों दूर नजर आ रही भारतीय टीम के लिए बस एक ही रास्ता था कि बस किसी तरह से मैच को अंतिम दिन तक खींच लिया जाये और ड्रॉ करा दें। सलामी बल्लेबाज के रूप में भारत की ओर से राहुल द्रविड़ और वीरेंदर सहवाग बल्लेबाजी करने उतरे। जहां वीरेंदर सहवाग ने अपनी शैली के विपरीत इस मैच में धैर्य दिखाते हुए 247 गेंदों का सामना करते हुए 254 रन बनाये वहीं दूसरी ओर राहुल द्रविड़ अपने मशहूर नाम 'द वॉल' की तरह अडिग रहे। राहुल द्रविड़ ने 233 गेंदों में 128 रन की पारी खेली। पारी के दौरान सहवाग ने 47 चौके और 1 छक्का लगाया जबकि राहुल द्रविड़ ने 19 चौके लगाये। आखिरी दिन का खेल खत्म होने से पहले आखिरी ओवर की 5वीं गेंद पर वीरेंदर सहवाग आउट हो गए। दोनों ने भारत के लिए 410 रन बनाये और मैच को ड्रॉ कराया।
मयंक अग्रवाल और रोहित शर्मा बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2019
सलामी बल्लेबाजी की परेशानी से जूझ रही भारतीय टीम 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल की जोड़ी के साथ उतरी। खराब फॉर्म के चलते केएल राहुल को बाहर कर दिया गया था, जबकि अभ्यास मैच के दौरान रोहित शर्मा बिना रन बनाये आउट हो गए थे। ऐसे में टीम प्रबंधन रोहित शर्मा को ओपनिंग कराकर बड़ा जुआ खेलने जा रहा था। भारत के लिए रोहित शर्मा ने मैदान पर उतरते ही अपने इरादे साफ कर दिये और बता दिया कि वो अपने ही अंदाज में बल्लेबाजी करेंगे। रबाडा की गेंद पर चौका लगाकर रोहित शर्मा ने खाता खोला। इसके बाद वो रुके नहीं और 2 साल का सूखा खत्म कर टेस्ट क्रिकेट में अपना चौथा शतक लगाया।
रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए यहां 317 रन जोड़े जो कि भारत के लिए टेस्ट में पहले विकेट के लिए अभी तक की गई तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। भारत ने रोहित शर्मा के रूप में पहला विकेट खोया। रोहित शर्मा ने गेंद खेलकर 176 रनों की पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 23 चौके और 6 छक्के भी लगाये। इस साझेदारी में मयंक अग्रवाल ने 141 रनों का योगदान दिया। यह मयंक का पहला शतक है।
दिसंबर 2018 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण करने वाले 28 साल के अग्रवाल को टेस्ट शतक जमाने में आठ पारियां लगी। वह टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ने वाले 86वें भारतीय बल्लेबाज बन गये। हालांकि मैच में मयंक ने अपने पहले शतक को दोहरे शतक में बदल दिया और 215 रन बनाकर आउट हुए। मयंक अग्रवाल ने भी अपनी पारी में रोहित शर्मा की तरह 23 चौके और 6 छक्के लगाये।
शिखर धवन और मुरली विजय बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2013
साल 2013, 4 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने भारत आई ऑस्ट्रेलिया की टीम मोहाली के मैदान पर तीसरा टेस्ट मैच खेलने पहुंची। कंगारु टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। स्टीव स्मिथ (92) और मिचेल स्टार्क (99) की पारियों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 408 रनों का लक्ष्य रखा जिसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शिखर धवन (187) और मुरली विजय (153) की बदौलत पहली पारी में 499 रन बनाये और 91 रनों की बढ़त हासिल की। शिखर धवन और मुरली विजय की इस जोड़ी ने मोहाली में पहले विकेट के लिए 289 रनों की साझेदारी की और भारत के लिए चौथी सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप का रिकॉर्ड बनाया।
शिखर धवन और मुरली विजय बनाम बांग्लादेश, 2015
भारत के लिए टेस्ट में पहले विकेट की सबसे बड़ी 5वीं साझेदारी का रिकॉर्ड भी शिखर धवन और मुरली विजय की जोड़ी के ही नाम है। इस जोड़ी ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो कारनामा किया था वही 2015 में फताउल्लाह के मैदान पर बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में भी किया। भारतीय टीम ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। मुरली विजय (150) और शिखर धवन (173) की बदौलत भारत ने 462 रनों का स्कोर खड़ा किया। दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 283 रन जोड़े और भारत के लिए 5वीं सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप का रिकॉर्ड बनाया।