नई दिल्ली। भारत और श्रीलंका के बीच 18 जुलाई से खेली जाने वाली वनडे सीरीज को लेकर दोनों टीमें तैयारी में जुटी हैं। हालांकि श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच चल रहा विवाद अभी भी समाप्त नहीं हुआ है, जिसको लेकर श्रीलंका क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने अपने खिलाड़ियों को लताड़ने का काम किया है। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच जारी विवाद पर बात करते हुए टीम के सीनियर्स एंजेलो मैथ्यूज, कुशल परेरा समेत 4 खिलाड़ियों को फटकार लगाई है।
खिलाड़ियों की सैलरी को लेकर बोर्ड से जारी विवाद को लेकर श्रीलंकाई टीम के कई खिलाड़ियों ने बोर्ड के साथ सेंट्रल करार पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। हालांकि विवाद के बावजूद इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई वाली वनडे और टी20 सीरीज में कई खिलाड़ियों ने टूर कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया। कुशल परेरा ने इस दौरे पर टीम की कमान संभाली थी।
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खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच में सैलरी ट्रांसपैरेंसी को लेकर विवाद है जिसमें उनका मानना है कि बोर्ड को सैलरी को लेकर एक-दूसरे के प्रति ज्यादा क्लैयरिटी रखनी है। मुरलीधरन ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि इस नीति से जिसे सबसे ज्यादा दिक्कत हुई है वो टीम के सीनियर खिलाड़ी हैं, जिन्हें लगता है कि नये नियमों के चलते सीनियर खिलाड़ियों को कम पैसा मिलेगा।
गौरतलब है कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने अपने टीम के खिलाड़ियों को इस साल परफॉर्मेंस आधारित सिस्टम के तहत सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला किया है जिसके तहत खिलाड़ियों की सैलरी निर्धारित की जायेगी। मुरलीधरन ने हीरू टीवी से बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है इस साल हमें खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी और हम सिर्फ टूर कॉन्ट्रैक्टस के साथ ही आगे जा सकते हैं।
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इस बीच भारत और श्रीलंका के बीच खेली जाने वाली वनडे और टी20 सीरीज के लिये भी कई खिलाड़ियों ने करार पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि सीनियर खिलाड़ी टीम के युवा खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल पाने के जिम्मेदार हैं। तो अब जिन खिलाड़ियों ने बोर्ड की ओर से कॉन्ट्रैक्ट ऑफर होने पर हस्ताक्षर नहीं किये थे अब उन्हें करार नहीं मिलेगा।
आपको बता दें कि श्रीलंकाई टीम के कई खिलाड़ी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने को राजी हो गये हैं लेकिन बोर्ड ने उन्हें करार देने से इंकार कर दिया है। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट पर साइन न करने वाले ज्यादातर खिलाड़ी टेस्ट प्रारूप से हैं लेकिन उनके चलते सीमित ओवर्स प्रारूप के खिलाड़ियों को भी करार देने से इंकार कर दिया गया है। हालांकि खिलाड़ियों के सिर्फ टूर कॉन्ट्रैक्टस साइन करने से मामला थोड़ा सुलझने की ओर बढ़ा है। इस पूरी प्रक्रिया से टेस्ट खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है जिन्हें अब मासिक सैलरी नहीं मिलेगी और नवंबर से पहले टेस्ट प्रारूप में कोई सीरीज नहीं खेली जाने वाली है।