नई दिल्ली। टीम इंडिया ने 7 जनवरी को एक ऐसी उपलब्धि हासिल की थी जिसने एशियाई क्रिकेट के इतिहास में नया अध्याय बनाया। इस अध्याय की शुरूआत भारतीय क्रिकेट टीम के नाम से होगी। जहां लिखा होगा कि एशियाई क्रिकेट में भारत ऐसा पहला देश था जिसने ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में मात दी। इससे पहले कोई भी एशियाई टीम ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर हराने में कामयाब नहीं हो सकी थी। यह जीत कितनी खास है इसको भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री के शब्द बयान करते हैं।
जब रवि शास्त्री से इस जीत के मायनों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसको अपने ही उतना ही महत्वपूर्ण बताया जितना की 1983 के विश्व कप के जीत को। शास्त्री ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि मेरे लिए यह जीत ऐसी ही है जैसे 1983 विश्वकप की जीत, जैसे 1985 की वर्ल्ड चैंपियनशिप.. बल्कि मैं कहूंगा कि यह जीत इनसे भी बड़ी है। क्योंकि यह जीत हमको क्रिकेट की सबसे शुद्ध फार्म में शामिल हुई है। टेस्ट क्रिकेट सबसे मुश्किल होता है इसलिए मेरे लिए यह जीत सबसे बड़ी है।
ICC टेस्ट रैंकिंग में ऋषभ पंत ने लगाई लंबी छलांग, कहां हैं रविंद्र जडेजा और चेतेश्वर पुजारा
शास्त्री ने कोहली के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं अपने कप्तान को सलाम करता हूं जिन्होंने उस टीम की कमान संभाल रखी है जिसने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीती। इसके अलावा शास्त्री ने पिछले समय को भुलाते हुए कहा कि जो बीत चुका है वह उसमें नहीं जीते है और जो आने वाला है वह किसी को पता नहीं है। ऐसे में वह उस पल को जी रहे हैं जब भारत ने 71 सालों में पहली बार कंगारूओं को इस तरह पटखनी देने की कीर्तिमान बनाया। बता दें कि भारत ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से मात दी थी।