नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर शिखर धवन का शांत स्वभाव हर किसी को पसंद है। चाहे सस्ते में ही आउट हो जाएं लेकिन पवेलियन लाैटते वक्त उनके चेहरे पर मुस्कान वैसी ही रहती है जैसे धुंआधार शतक जड़ने के बाद देखने को मिलती है। उनके ना सिर्फ खुशहाली स्वभाव बल्कि उस स्टाइल के भी क्रिकेट प्रेमी कायल हैं जिसमें वह शतक ठोकन के बाद मूछों को ताव देकर कबड्डी स्टाइल में जश्न मनाते हैं। हालांकि धवन को मूछों से इतना लगाव क्यों है, इसका आजतक किसी को नहीं पता था लेकिन हाल ही में उन्होंने इसको लेकर बताया कि उन्होंने एक ट्रक ड्राइवर को मूछों पर ताव देते देखा था जो उन्हें अच्छा लगा।
धवन फिलहाल आराम फरमा रहे हैं। उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 टेस्ट सीरीज में भी नहीं रखा गया था क्योंकि वह अंगूठे की चोट से उभर रहे थे। ऐसे में खाली समय धवन ने एक अखबार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में फैंस के सवालों के जवाब दिए। इस दाैरान उन्होंने मूछों से लगाव रखने का कारण बताया। धवन ने कहा, ''मैने एक ट्रक ड्राइवर को मूंछों पर ताव देते हुए देखा तो यह महसूस किया कि ये मर्दों वाली बात होती है। इस बात पर गाैर करने के बाद मुझे भी मूंछें रखने का शौक हो गया। मैंने बड़े दिल से मूंछें रखीं। उस समय के काफी फेमस हुई और अब जब मैं मूछों पर ताव देते हुए पट्ट मारता हूं तो उसका एक अलग मजा है। ये वो जश्न है जो किसी को चुभता भी नहीं है और इसमें दम भी दिखता है।''
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इसके अलावा धवन ने यह भी बताया कि उन्होंने ओपनिंग करना क्यों चुना। उन्होंने कहा, "जब मैं 11-12 साल का था तभी से ही तेज गेंदों को अच्छी तरह खेलता था। यह देखकर मेरे कोच ने कहा कि आप ओपनिंग करो। तब से ही सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलना शुरू कर दिया। इसलिए आज आसानी से उनका सामना कर लेता हूं। जब हम दिल्ली में सर्दी में खेलते है, तब बॉल स्विंग होती है। तब हम तेज गेंदबाज को खेलते हैं। उसका फायदा हुआ। हम डोमेस्टिक में अच्छा खेलते थे, तो वो हमको इंटरनेशनल क्रिकेट में भी ले गए।''