धोनी-जाधव ने मिलकर संभाला मोर्चा-
इस मैच में कंगारू कप्तान ऐरान फिंच ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 236 रन बनाए थे। जिसके जवाब में भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 240 रन बनाकर जीत दर्ज कर ली। एक समय भारत की हालत मैच में खस्ता थी और 99 रनों के स्कोर पर अंबाती रायडू (13) के रूप में भारत को चौथा झटका लग गया था। यहां से केदार जाधव और धोनी की जोड़ी ने मोर्चा संभाल लिया। दोनों ने शुरू में टिककर खेलते हुए संयम का परिचय दिया। उसके बाद बीच के ओवरों में जाधव ने ढीली गेंदों पर प्रहार करते हुए रन बटोरने शुरू किए। दोनों बल्लेबाजों ने अपने अर्धशतक पूरे किए और अंत तक नाबाद रहे। धोनी ने 72 गेंदों पर 59 रन तो जाधव ने 87 गेंदों पर 81 रनों की पारी खेली।
दोनों बनाते हैं मैच जिताऊ साझेदारियां-
इस तरह से इन दोनों बल्लेबाजों के बीच 141 रनों की अटूट साझेदारी हुई। खास बात यह है कि ये पहली बार नहीं है जब धोनी और जाधव की जोड़ी ने मैच में कमाल किया हो। इससे पहले भी ये साझेदारी मेलबर्न के ऐतिहासिक मैदान पर कंगारूओं के खिलाफ ऐसा कर चुकी है। 18 जनवरी, 2019 को हुए उस मैच में भी भारत टारगेट चेस कर रहा था। तब 231 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी-जाधव ने मिलकर 121 रनों की नाबाद साझेदारी की थी। भारत वह मैच भी जीतने में कामयाब हुआ था।
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जीत के नायक बने धोनी और जाधव-
बता दें कि 237 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत की शुरुआत खराब रही थी और उसने 4 रन के स्कोर पर ही शिखर धवन (शून्य) का विकेट खो दिया था। लेकिन उसके बाद रोहित शर्मा (37) और विराट कोहली (44) ने टिककर बल्लेबाजी करते हुए टीम को ठोस बुनियाद दी। इन दोनों ने 76 रनों की साझेदारी की लेकिन उसके बाद रोहित-कोहली जल्द ही आउट हो गए। बाद में अंबाती रायडू का विकेट भी जल्दी ही गिर गया और 100 रनों के अंदर भारत के 4 विकेट आउट हो गए थे। ऐसे में इस जोड़ी ने धैर्य और आक्रामकता के जबरदस्त संतुलन का मुजायरा पेश करते हुए टीम इंडिया को जीत दिला दी।