नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे आखिरी टेस्ट मैच में हनुमा विहारी ने शानदार फिफ्टी लगाई। टेस्ट में पदार्पण से पहले हनुमा काफी नर्वस थे।इंग्लैंड जैसी बड़ी टीम के सामने डेब्यू करना और वो भी तब जब आपकी टीम सीरीज हार चुकी हो। यह आसान नहीं होता। ऐसे में हनुमा ने खुद अपनी सफलता का राज खोला है। हनुमा विहारी ने कहा कि राहुल द्रविड़ से फोन पर बात करके उन्हें राहत मिली और वह इंग्लैंड के खिलाफ अर्धशतक बनाकर भारत को संकट से निकाल सके। विहारी ने 56 रन बनाये और रविंद्र जडेजा (नाबाद 86) के साथ 77 रन की साझेदारी की ।
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भारत ने पहली पारी में 292 रन बनाये जबकि इंग्लैंड को कल तीसरे दिन 154 रन की बढत हासिल थी ।विहारी ने कहा ,'' मैने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण से पहले उनसे बात की । उन्होंने कुछ मिनट मुझसे बात की जिससे मेरी बेचैनी मिट गई । वह महान क्रिकेटर हैं और बल्लेबाजी में उनकी सलाह से मुझे काफी मदद मिली ।''उन्होंने कहा ,उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे पास काबिलियत है, मानसिक दृढता है और जज्बा है । सिर्फ मैदान पर जाकर इसका इस्तेमाल करना है । मैं उन्हें इसका श्रेय देना चाहूंगा क्योकि भारत ए के साथ मेरा सफर काफी अहम था । उनकी मदद से मैं बेहतर खिलाड़ी बन सका ।
विहारी ने कहा कि जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड को खेलते हुए वह नर्वस थे ।उन्होंने कहा ,'' शुरूआत में मुझे दबाव महसूस हुआ लेकिन एक बार जमने के बाद मैं नर्वस नहीं था । वे विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं और मिलकर 990 विकेट ले चुके हैं । मैं सकारात्मक सोच के साथ खेलना चाहता था । खासकर जब विराट क्रीज पर होता है तो सिर्फ स्ट्राइक रोटेट करके साझेदारी बनानी होती है ।'उन्होंने विराट कोहली की तारीफ करते हुए कहा ,'' दूसरे छोर पर विराट के होने से मेरा काम आसान हो गया । उनकी सलाह से मुझे काफी मदद मिली । मैं उन्हें इसका श्रेय देना चाहूंग ।''