भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान
कोहली ने केवल 48 टेस्ट मैचों में 28 टेस्ट जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी के 60 मैचों में 27 टेस्ट जीत के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। जबकि इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर सौरव गांगुली हैं जिन्होंने 49 टेस्ट मैचों में 21 जीत हासिल की थी।कोहली ने अपनी कप्तानी में खेले गे 48 मैचों में 28 में जीत दर्ज की, 10 में हार मिली और 10 टेस्ट ड्रा हुए। इससे पहले कोहली ने इसी दौरे पर सौरव गांगुली के सबसे ज्यादा विदेशी टेस्ट मैच जीतने को रिकॉर्ड को तोड़ा था। गांगुली के नाम जहां 11 विदेशी टेस्ट जीत थी तो वहीं कोहली के नाम अब 13 टेस्ट जीत हो चुकी हैं।
विदेशों में जीते सबसे ज्यादा टेस्ट-
बता दें कि कोहली की कप्तानी में ही भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में (2018-19) में टेस्ट जीत हासिल की थी। जहां तक जमैका टेस्ट की बात है तो भारत के 468 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही वेस्ट इंडीज टीम कुल 210 रन बनाकर ही ढेर हो गई। दूसरी पारी में रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी ने सर्वाधिक तीन-तीन विकेट लिए। इस मैच में शानदार शतक जड़ने वाले युवा बल्लेबाज हनुमा विहारी मैन ऑफ द मैच चुने गए। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने हनुमा विहारी (111*) के शतक और कप्तान विराट कोहली (76) व ईशांत शर्मा (57) के अर्धशतकों की बदौलत पहली पारी में 416 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके बाद बुमराह की घातक गेंदबाजी के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज की टीम को पहली पारी में 117 रनों पर ढेर कर दिया।
कोहली की अगुवाई में चैंपियन की तरह खेला भारत
तेज गर्मी और गेंदबाजों को हो रही परेशानी को देखते हुए कप्तान विराट कोहली ने फॉलोऑन न देकर दूसरी पारी में फिर बल्लेबाजी का निर्णय किया। दूसरी पारी में भारत ने अजिंक्य रहाणे के 64 और हनुमा विहारी के शानदार 53 रनों की बदौलत वेस्टइंडीज के सामने कुल 468 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में 210 रनों पर ऑलआउट हो गई और टीम इंडिया ने चौथे दिन ही जीत दर्ज कर ली। दूसरी पारी में विंडीज टीम के सलामी बल्लेबाज ब्रैथवेट और कैम्पबेल जल्दी आउट हो गए। रोस्टन चेज और शिमरॉन हेटमेयर 100 रन से पहले ही अपने विकेट गंवा बैठे। कप्तान जेसन होल्डर (39) ने कुछ संघर्ष किया।
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