नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले जा रही टेस्ट सीरीज के बाद वनडे सीरीज खेली जानी है। वनडे सीरीज को लेकर विवादों का दौर खत्म नहीं होता दिख रहा है। पहले बीसीसीआई और मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के बीच फ्री पासेस का विवाद और 29 अक्टूबर को मुंबई में होने वाला मैच भी उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पहुंचता नजर आ रहा है। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के सचिव उन्मेष खानविलकर और एक अन्य सदस्य ने बंबई उच्च न्यायालय में जाकर वनडे के लिये एक समिति गठित करने की मांग की थी।इसके बाद उच्च न्यायालय ने उनसे उच्चतम न्यायालय के पास जाने के लिये कहा है।
क्या है दिक्कतें:
एमसीए अधिकारियों ने मंगलवार को बीसीसीआई के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें कुछ मुश्किलों से अवगत कराया था जिनमें एमसीए का बैंक खाता संचालित नहीं करन पाना और स्टेडियम के अंदर विज्ञापनों के लिये निविदा जारी नहीं करना भी शामिल था।एमसीए अधिकारी गुरूवार को फिर से बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं।
इससे पहले भी विवाद:
बीसीसीआई के नए नियमों के बाद यह विवाद शुरू हुआ है। नए नियम के मुताबिक स्टेट ऐसोसिएशंस को अब किसी भी इंटरनेशनल मैच में स्टेडियम की कुल क्षमता की बस 10 फीसदी टिकिट्स ही फ्री रखने का अधिकार है और 90 फीसदी टिकिट्स बिक्री के लिए रखा जाना जरूरी है।
इंदौर के होल्कर स्टेडियम की क्षमता करीब 27,000 दर्शकों की है जिसमें साउथ पवेलियन ब्लॉक की 7,200 सीटें शामिल हैं। देश के अन्य स्टेडियमों के मुकाबले होलकर स्टेडियम छोटा है और इस कारण यहां हर इंटरनेशनल मैच के वक्त टिकटों की बड़ी मारामारी होती है।