एक बार फिर मुश्किल थी परिस्थितियां
बहरहाल धोनी ने उस विवाद को छोड़कर मैनचेस्टर में वेस्टइंडीज के खिलाफ नई शुरुआत की और यहां भी उनकी कमोबश वैसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ा जो पिछले मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ मिली थी। धोनी एक बार फिर से संभलकर खेलते हुए नजर आए लेकिन उनको इस बार पता था कि ज्यादा विकेट में फंसकर खेलने का मतलब होगा विपक्षी गेंदबाजों को हावी होने देना। ऐसे में धोनी ने बीच-बीच में अपने कुछ शॉट्स भी खेले और हार्दिक के साथ 70 रनों की तेज साझेदारी भी की। इस दौरान उनको हालांकि बहुत बड़ा जीवन वेस्टइंडीज के विकेटकीपर ने दे दिया था जब उसने धोनी को स्टंप करने का आसान मौका जाया कर दिया था।
आखिरी गेंद पर बदला बल्ला और मारा छक्का
इसके बावजूद धोनी ने शानदार अर्धशतक जमाया। उन्होंने 61 गेंदों पर नाबाद 56 रन बनाए। धोनी ने इस पारी में दो छक्के भी मारे जो मैच के आखिरी ओवर में आए थे। उस समय गेंदबाजी पर ओशेन थॉमस थे। धोनी ने थॉमस की शुरुआती पांच गेंदों पर 1-1 चौका और छक्का मारकर 10 रन बना लिए थे। इसके बाद धोनी ने अपना बल्ला बदला और इस बदले हुए बल्ले के साथ उन्होंने अंतिम गेंद पर जो करारा छ्क्का जड़ा वह मैच की दर्शनीय झलकों में से एक था। धोनी ने गेंद को डीप स्क्वेयर लेग के ऊपर से उड़ाते हुए 79 मीटर लंबा छक्का मारा और इसी के साथ भारत का स्कोर भी 50 ओवरों में 268 रन पहुंचा दिया।
आखिरी दो मैच जीतने के बावजूद सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाएगा पाकिस्तान, जानिए क्यों
अंत में भारत की शानदार जीत
भारत की ओर से मिले 269 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज टीम की हालत शुरू से ही खस्ता रही। कैरेबियाई बल्लेबाजों के लिए भारतीय तेज गेंदबाजी के साथ-साथ स्पिनर्स भी एक पहेली की तरह से साबित हुए। वेस्टइंडीज की ओर से सुनील एंब्रिस ही 30 से ऊपर का स्कोर करने में कामयाब हुए। उन्होंने सर्वाधिक 31 रन बनाए। इस प्रकार पूरी कैरेबियाई टीम केवल 34.2 ओवर में 143 बनाकर आउट हो गई और भारत ने 125 रनों के बड़े अंतर से मैच जीत लिया। वेस्टइंडीज अब इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो चुका है।