नई दिल्ली: विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शानदार शुरुआत की है और वह 120 अंक लेकर पॉइंट्स टेबल में टॉप पर चल रहा है। इसी के साथ कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी बन गए हैं। ये एक क्रिकेटर के लिए बड़ी उपलब्धि है लेकिन कोहली एक कप्तान के तौर पर अपने रिकॉर्ड के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं। कोहली ने अपनी कप्तानी में बने नायाब रिकॉर्ड्स को बहुत अधिक तूल ना देकर स्पष्ट किया है कि ये टीम का सामूहिक प्रयास है।
कोहली ने जमैका टेस्ट जीतने के बाद यह भी कहा कि कप्तानी केवल आपको नाम के सामने 'सी' और जोड़ देती है। बाकी इसके अलावा कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। कोहली ने कहा, 'कप्तानी केवल आपके नाम के आगे एक 'सी' है। ये टीम का एकजुट प्रयास है जो मायने रखता है। हमारे लिए अभी विश्व टेस्ट चैंपिनयशिप बस शुरु हुई है। जो भी इससे पहले हुआ उसके ज्यादा मायने नहीं हैं।'
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने कोहली, विदेशी दौरों पर बनाए ये रिकॉर्ड
जहां तक जमैका टेस्ट की बात है तो भारत के 468 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही वेस्ट इंडीज टीम कुल 210 रन बनाकर ही ढेर हो गई। दूसरी पारी में रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी ने सर्वाधिक तीन-तीन विकेट लिए। इस मैच में शानदार शतक जड़ने वाले युवा बल्लेबाज हनुमा विहारी मैन ऑफ द मैच चुने गए। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने हनुमा विहारी (111*) के शतक और कप्तान विराट कोहली (76) व ईशांत शर्मा (57) के अर्धशतकों की बदौलत पहली पारी में 416 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके बाद बुमराह की घातक गेंदबाजी के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज की टीम को पहली पारी में 117 रनों पर ढेर कर दिया।