सीरीज की खोज साबित हुए विहारी
भारत के लिए अजिंक्य रहाणे एक बड़ी राहत साबित हुए जिन्होंने सीरीज में 4 पारियां खेली और 47.63 के औसत से बल्लेबाजी करते हुए 271 रन बनाए और उनका औसत 90.33 का रहा। लेकिन भारत के लिए असली खोज नवोदित बल्लेबाज हनुमा विहारी साबित हुए जिन्होंने ऐसा बेजोड़ प्रदर्शन किया कि विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसी बड़े बल्लेबाजों के कमतर प्रदर्शन को ढक दिया। विहारी ने दो अर्धशतक और एक शतक के दम पर 96.33 के औसत से बल्लेबाजी करते हुए सीरीज में सर्वाधिक 289 रन बनाए। इतना ही नहीं, उनका स्ट्राइक रेट (59.59) भी रहाणे और कोहली से काफी बेहतर रहा।
कोहली ने बांधे तारीफों के पुल-
जमैका टेस्ट की पहली पारी में शतक और दूसरी में अर्धशतक लगाने वाले विहारी को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड भी दिया गया है। कोहली ने विहारी को मैच में सबसे अलग उभरकर नजर आने वाला खिलाड़ी करार दिया है। कोहली ने कहा- हुनमा इस मैच में जबरदस्त थे। हर तरह से योगदान दिया। उनका खेल पक्के निश्चय से भरा हुआ था। ये एक ऐसा गुण है जो उनमें कुदरती तौर पर मौजूद है। पिच को देखते हुए ये एक टॉप क्लास पारी थी। वह ऐसा बल्लेबाज है जो अपने गेम को जानता है और यह दिखता है। जब वह बल्लेबाजी करते हैं तो ड्रेसिंग रूम रिलेक्स रहता है। वह लगातार सुधार करते रहना चाहेंगे और वह टीम के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।'
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनने के बाद कोहली ने दिया बड़ा बयान
भारतीय गेंदबाजी पर कही ये बात-
वहीं भारत के गेंदबाजी अटैक के बारे में बात करते हुए कोहली ने बताया, 'अगर हमारे पास ऐसे गेंदबाज नहीं होते तो हम ऐसे नतीजे भी हासिल नहीं कर पाते। चाहें आप शमी का स्पैल देखें, बुमराह को हल्की निग्गल के बाद ईशांत ने भी गेंदबाजी करते हुए दिल बाहर निकाल दिया। जडेजा ने लंबा स्पैल किया।' इस मैच की दूसरी पारी में रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी ने सर्वाधिक तीन-तीन विकेट लिए। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने हनुमा विहारी (111*) के शतक और कप्तान विराट कोहली (76) व ईशांत शर्मा (57) के अर्धशतकों की बदौलत पहली पारी में 416 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके बाद बुमराह की घातक गेंदबाजी के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज की टीम को पहली पारी में 117 रनों पर ढेर कर दिया।