दबाव का असर नहीं पड़ता पंत पर
पंत की तारीफ करते हुए हक ने कहा कि वह जबरदस्त हैं, काफी लंबे समय के बाद मैंने एक ऐसा खिलाड़ी देखा जिसपर दबाव का कोई असर नहीं होता है। यहां तक कि जब 146 रन के स्कोर पर 6 विकेट गिर गए थे, लेकिन बावजूद इसके पंत ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, वैसा कोई नहीं करता। पंत अपने शॉट खेलते हैं फिर पिच चाहे जैसी भी हो या फिर दूसरी टीम ने कितने रन बनाए हैं, इन सब बातों का उनपर कोई असर नहीं होता है वह स्पिन गेंदबाजों और तेज गेदबाजों दोनों के खिलाफ जबरदस्त हैं। उनकी बल्लेबाजी का मैंने जबरदस्त लुत्फ उठाया। ऐसा लग रहा था कि वीरेंद्र सहवाग बाए हाथ से बल्लेबाजी कर रहे हैं।
अपने स्ट्रोक खेलते हैं पंत
बता दें कि 2004 में जब भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा करने गई थी तो इंजमाम पाकिस्तान की टीम के कप्तान थे और वीरेंद्र सहवाग ने उस दौरे पर मुल्तान में 309 रन की पारी खेली थी। इंजमाम ने पंत और सहवाग की बल्लेबाजी में समानता करते हुए कहा कि मैंने सहवाग के साथ खेला है, वह भी किसी भी चीज की चिंता नहीं करते थे। जब वो बल्लेबाजी करते थे, उन्हें भी फर्क नहीं पड़ता था कि पिच कैसी है, विपक्षी अटैक कैसा है। वो अपने शॉट खेलते थे, यहां तक कि फील्डर बाउंड्री पर हो तो भी सहवाग अपने स्ट्रोक खेलते थे। सहवाग के बाद मैने ऐसा खिलाड़ी पहली बर देखा है।
ऐसा खिलाड़ी क्रिकेट में नहीं देखा
इंजमाम ने कहा कि जबसे मैंने पंत को देखा है तब से वह ऐसी बल्लेबाजी ना सिर्फ भारत बल्कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा ही किया। उन्होंने शतक नहीं लगाए क्योंकि वह इस रफ्तार से बल्लेबाजी करते हैं। काफी लंबे समय के बाद मैंने ऐसा खिलाड़ी देखा है। भारत के पास सचिन, द्रविड़ थे, लेकिन अब उनके पास विराट और रोहित हैं। लेकिन जिस तरह के पंत खिलाड़ी हैं, वह जबरदस्त है। पंत के अंदर जिस तरह का आत्मविश्वास है, वह जबरदस्त है। मैंने क्रिकेट में उनके जैसा खिलाड़ी नहीं देखा।