शाॅट पिच खेलने में आती थी दिक्कत
दरअसल, गावस्कर ने इंजमाम को सिखाया कि कैसे शॉर्ट गेंद को सही तरह से खेलना चाहिए। 1992 में पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप खिताब जीता और इसके बाद टीम को इंग्लैंड के दौरे पर जाना था, जहां वो शॉर्ट पिच गेंदों का सामना करने को लेकर परेशान थे। इंजमाम ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, '1992 वर्ल्ड कप में अच्छे प्रदर्शन के बाद मैं टीम के साथ इंग्लैंड दौरे पर गया था। मैं तब पहली बार इंग्लैंड दाैरे पर गया था और मुझे इसका जरा भी अंदाजा नहीं था कि कैसे शॉर्ट पिच गेंदों को खेलना है। '
गावस्कर से मांगी सलाह
इंजमाम ने आगे कहा कि इंग्लैंड दौरे पर एक चैरिटी मैच के दौरान वो गावस्कर से मिले थे। उन्होंने बताया, 'हमारा आधा सीजन निकल गया था और मैं इंग्लैंड में एक चैरिटी मैच के दौरान गावस्कर से मिला। हम दोनों वो मैच खेल रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि सुनील भाई मुझे शॉर्ट पिच गेंद खेलने में परेशानी होती है, मुझे क्या करना चाहिए?'
फिर दिमाग को किया मजबूत
उन्होंने फिर बताया, 'गावस्कर ने मुझसे कहा कि आपको बस एक छोटी सी चीज करनी होगी, आप जब बल्लेबाजी कर रहे हो तो उस समय शॉर्ट पिच गेंद और बाउंसर गेंद के बारे में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि जब आप सोचोगे तो आप इसमें फंसते जाओगे। उन्होंने कहा कि जब गेंदबाज बॉल फेंकेगा तो आपको अपने आप समझ आ जाएगा, तो उसके बारे में ज्यादा चिंता मत करो।' फिर इंजमाम ने बताया कि उन्होंने गावस्कर की सलाह को माना और नेट प्रैक्टिस में काम करना शुरू कर दिया। गावस्कर ने मुझे जैसा बताया था, मैंने नेट्स में वैसे ही किया। इससे मेरा दिमाग मजबूत हुआ, मैंने खुद को समझाया कि मुझे शॉर्ट पिच गेंदों के बारे में नहीं सोचना है। उनकी सलाह से मेरी ये कमजोरी खत्म हो गई।''