नई दिल्ली। आईपीएल के इस सीजन में हार-जीत और रिकॉर्ड से इतर कुछ ऐसी घटनाएं चर्चाओं का हिस्सा बनी हैं जो आम-तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी देखने को नहीं मिलती। इनमें चाहे आर अश्विन का मांकड़ तरीके से बटलर को रन आउट करना हो या फिर हाल में 11 अप्रैल को सम्पन्न हुए मैच में धोनी का नो-बॉल विवाद पर मैदान के बीच में आ जाना और अंपायरों पर गुस्सा करना। खास बात यह है धोनी और अश्विन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहद ही शांत और सौम्य किस्म के खिलाड़ी माने जाते हैं।
अब जिस तरह से मांकड़िग विवाद पर आर अश्विन के बारे में तमाम क्रिकेट हस्तियों ने अपनी-अपनी राय दी थी, कुछ उसी किस्म का दौर धोनी के ताजा व्यवहार पर शुरू हो गया है। आपको बता दें कि चेन्नई की पारी के दौरान स्ट्रेट अंपायर ने बेन स्टोक्स की एक फुलटॉस को नो-बॉल दिया था लेकिन बाद में साइड अंपायर ने राय-मशविरा करके इस फैसले को पलट दिया। इस पर सीमा रेखा के बाहर बैठे धोनी ने अपना आपा खो दिया और बीच मैदान पर अंपायरों से बहस करने लगे।
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आकाश चोपड़ा ने इस बारे में ट्वीट के जरिए कहा है- इस आईपीएल में अंपायरिंग का स्तर काफी नीचे रहा है और नो-बॉल देने के बाद वापस ले ली गई। ऐसा होने से असमंजस की स्थिति बनती ही है। इसके बावजूद भी विपक्षी कप्तान की हैसियत से धोनी को कोई हक नहीं था कि वे पिच पर ऐसे जाकर बर्ताव करें। धोनी ने इस रात एक गलत उदाहरण पेश किया है।
आपको बता दें कि धोनी के इस व्यवहार के चलते उनको मैच के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है और मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है।