'जीत का चौका' लगाने का मौका
आईपीएल के 12 संस्करणों में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स चौथी बार IPL FINAL में आमने-सामने होंगे। इन दो टीमों को आईपीएल का बादशाह कहा जाता है और रविवार को इन दोनों दिग्गज टीमों के बीच में टक्कर होगी। दोनों टीमें 3-3 बार आईपीएल का खिताब जीत चुके हैं और यह चौथा मौका है जब दोनों टीमों के पास 'जीत का चौका' लगाने का मौका है। चेन्नई सुपर किंग्स जहां 8वीं बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची है वहीं मुंबई इंडियंस ने 5वीं बार आईपीएल के फाइनल में प्रवेश किया है। पिछले सीजन (साल 2018) बैन के बाद वापसी करने वाली चेन्नई की टीम ने आईपीएल का खिताब जीता था।
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चेन्नई ने लगाया जीत का शतक
मुंबई और चेन्नई आईपीएल की दो सफल टीमों में शामिल हैं और आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। आईपीएल के 12 सालों के इतिहास में इन दोनों टीमों ने इस प्रारूप में एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए हैं। आईपीएल-12 के दूसरे एलिमिनेटर मुकाबले में दिल्ली को हराने के बाद चेन्नई ने आईपीएल में अपनी 100वीं जीत दर्ज की वहीं मुंबई इंडियंस के नाम आईपीएल इतिहास में सबसे अधिक 108 जीत दर्ज है। दोनों टीमों के लिए एक बार फिर इस प्रारूप के बादशाह बनने की जंग होगी।
भज्जी का नया करिश्मा
आईपीएल में उम्रदराज टीम के खिलाड़ियों की टीम कहे जाने वाली चेन्नई की टीम ने ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को खूब मौका दिया और उन्होंने हमेशा माही के भरोसे को परफॉरमेंस में बदलकर उन्हें जीत दिलाई। हरभजन सिंह ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की और वो आईपीएल इतिहास में 150 विकेट लेने का करिश्मा करने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए हैं। अमित मिश्रा के नाम 147 मैच में 157 विकेट हैं वहीं पीयूष चावला के नाम 157 मैच में 150 विकेट की उपलब्धि दर्ज है।
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प्ले-ऑफ से जुड़ा यह 'संयोग'
आईपीएल के प्ले-ऑफ मुकाबलों में पहुँचने के लिए आठ टीमों के बीच जोर-आजमाइश होती है, इसके आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। आईपीएल के 12 सालों के इतिहास में जब से प्ले-ऑफ की शुरूआत हुई है (2011 में हुआ प्ले-ऑफ का आगाज) तब से अब तक जो टीमें अंक तालिका में नंबर-1 और 2 पर काबिज रही हैं उन्होंने 9 में से 7 फाइनल मुकाबले खेले हैं। साल 2012 और 2016 आईपीएल के दो ऐसे सीजन हैं जिसमें यह अपवाद है। यानी इन दो सीजनों में ऐसा नहीं हो सका था।
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स्कोर डिफेंड करने में फिसड्डी है दिल्ली
इसे दिल्ली कैपिटल्स का दुर्भाग्य कहें या कुछ और लेकिन यह सच है कि दिल्ली कैपिटल्स की टीम (IPL-2019) पूरे सीजन में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद बड़े मैच की बाधा पार नहीं कर पाई। आईपीएल के 12 सालों के इतिहास में दिल्ली की टीम कभी भी 150 या उससे कम का स्कोर डिफेंड नहीं कर पाई है। बड़े मैच में यह टीम अक्सर दक्षिण अफ्रीका की तरह चोक कर जाती है। पूरे सीजन धमाकेदार पारी खेलने वाले शिखर धवन का भी आईपीएल के नॉक आउट मैच में बड़ा खराब रिकॉर्ड है। उन्होंने 12 पारियों में 14.75 की औसत और 96.19 के स्ट्राइक रेट से कुल 177 रन बनाए हैं। वहीं चेन्नई के शेन वाटसन और फ्रांसुआ डुप्लेसिस नॉक आउट मैच में हमेशा बड़ी पारी खेलते हैं।
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