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IPL 2019: लसिथ मलिंगा के अंतिम ओवर में मुंबई इंडियंस के चैंपियन बनने की पूरी कहानी

नई दिल्ली। आईपीएल-12 के सीजन का अंत जितना रोमांचकारी ढंग से हुआ है, उसकी चर्चा अभी विश्व कप 2019 से पहले तक होती रहेगी। मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स जैसे चिर-प्रतिद्वंदियों के बीच के मुकाबले इस मैच के बाद अब और अधिक लोकप्रियता के शिखर तक पहुंच जाएंगे। यह मैच अंतिम ओवर की अंतिम गेंद तक खिंचा और बेहद नाटकीय अंदाज में समाप्त हुआ। यह इस सीजन का सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव वाला मुकाबला भी था। इस मैच का सबसे रोमांचक पल लसिथ मलिंगा का अंतिम था। इस ओवर की छह गेंदों ने जो कहानी लिखी उसको हम यहां पर आपके सामने बयां कर रहे हैं-

अंतिम ओवर में दबाव में थे मलिंगा-

अंतिम ओवर में दबाव में थे मलिंगा-

"अंतिम गेंद थी। मैंने सोचा कि अगर उन्होंने एक रन बना लिया तो मैच सुपर ओवर में चला जाएगा, लेकिन मैं चाहता था कि हम जीतें। इसलिए मैंने विकेट लेने वाली गेंद फेंकना तय किया।" ये बयानन मुंबई इंडियंस के उस गेंदबाज़ का है जिनकी वो एक गेंद उन्हें खलनायक भी बना सकती थी, और उनकी टीम को चौथी बार आईपीएल का चैंपियन भी बना सकती थी। अंतिम ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 9 रनों की दरकार थी और वॉटसन के साथ जडेजा क्रीज पर डटे हुए थे। इससे पहले मलिंगा ने अपने तीसरे ओवर में 20 रन खर्च किए थे। ऐसे में निश्चित तौर पर मलिंगा पर अतिरिक्त दबाव था। उन्होंने वॉटसन को पहली गेंद यॉर्कर फेंकी। जिस पर एक रन बना।

दबाव में सटीक गेंदबाजी की-

दबाव में सटीक गेंदबाजी की-

दूसरी गेंद लो फुलटॉस थी जिस पर रविंद्र जडेजा ने सिंगल लिया। दबाव के क्षम में मलिंगा ने लगातार यॉर्कर फेंकना जारी रखा। उनकी तीसरी गेंद लेग स्टंप के बाहर डाली गई यॉर्कर थी जिस पर वॉटसन ने दो रन बनाए। इस तरह से अब तीन गेंदों पर पांच रनों की दरकार थी। अब मैच एक ही सूरत में मुंबई इंडियंस जीत सकती थी और वो तरीका था किसी भी कीमत पर वॉटसन को आउट करना।

वॉटसन हुए आउट और पलट गया पासा-

वॉटसन हुए आउट और पलट गया पासा-

अततः मलिंगा ने चौथी गेंद मिडल स्टंप पर डाली। उनको लगातार यॉर्कर गेंद फेंकने का फायदा अब मिलना शुरू हो गया था। चौका ना आता देखकर वॉटसन के सामने सिंगल्स को भी डबल्स में तब्दील करने की मजबूरी थी। ये भी यॉर्कर थी और वॉटसन ने इस पर दो रन लेने की कोशिश की, नतीजन वे रन आउट हो गए। महेंद्र सिंह धोनी के बाद यह दूसरा रन आउट था जिसने चेन्नई की पारी की कमर तोड़ कर रख दी। वॉटसन के आउट होने के बाद धोनी ने शार्दुल ठाकुर को बल्लेबाजी के लिए ऊपरी क्रम पर भेजा।

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दो गेंद और चार रन की दरकार-

दो गेंद और चार रन की दरकार-

अब दो गेंदों पर चार रनों की दरकार थी और वॉटसन की जगह आए शार्दुल ठाकुर ने पांचवीं गेंद को बैकवर्ड स्क्वैयर की तरफ खेलकर और दो रन ले लिए। इस तरह से अब अंतिम गेंद पर केवल एक रन ही चेन्नई सुपर किंग्स को सुपर ओवर में लेकर चला जाता और दो रन उनकी टीम को चौथी बार खिताब दिला देते। अंतिम गेंद फेंकने से पहले दबाव के उच्चतम पलों में मलिंगा और कप्तान रोहित शर्मा के बीच लंबी बातचीत हुई।

अंतिम गेंद और रच गया इतिहास

अंतिम गेंद और रच गया इतिहास

आखिरकार अंतिम गेंद फेंकने के लिए मलिंगा ने रन-अप लिया। लेकिन उसके बाद मलिंगा ने रन रोकने वाली बल्कि विकेट लेने वाली गेंद फेंकी। इस गेंद से ही एक बार साबित हो गया कि 35 साल का यह गेंदबाज आज भी क्रिकेट में किसी भी गेंद पर मैच का पासा पलटने का अनुभव रखता है। मलिंगा ने यह गेंद मिडिल स्टंप पर डाली। यह भी एक यॉर्कर गेंद थी लेकिन इसकी गति बहुत धीमी थी। इस तरह की गेंदबाजी को क्रिकेट की शब्दावली में स्लो यॉर्कर कहा जाता है। गेंद सीधे ठाकुर के पैड से टकराई और अंपायर ने उंगली उठाने में देर नहीं की। मुंबई ने मैच एक रन से जीत लिया और इसके साथ ही मलिंगा ने रोहित शर्मा का कप्तान के तौर पर सभी आईपीएल फाइनल मैच जीतने का रिकॉर्ड भी कायम रखा।

Story first published: Monday, May 13, 2019, 10:17 [IST]
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