खेल भावना पर हुई बहस
किसी भी खेल में खेल भावना (Sports Spirit) एक ऐसा शब्द है जिसे उस खेल की आत्मा कहा जाता है लेकिन जीत के लिए कभी-कभी खिलाड़ी कुछ ऐसा कर जाते हैं जिस पर सवाल उठना लाजमी है। अश्विन ने बटलर को आउट करने का जो तरीका अपनाया, शायद उन्होंने उस समय इसे सही बताया हो लेकिन बतौर खिलाड़ी उन्हें यह चीज कभी न कभी चुभेगी। अश्विन मैच जीतकर भी लोगों का दिल नहीं जीत पाए और रहाणे मैच हारकर भी अपने इस बयान की वजह से लोगों का और खासकर राजस्थान रॉयल्स के फैन का दिल जीत लिया।
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रहाणे का दिल जीतने वाला बयान
अजिंक्य रहाणे को उनके शांत और विनम्र स्वभाव के लिए जाना जाता है। क्रिकेट और निजी जिंदगी दोनों में वे राहुल द्रविड़ को अपना आदर्श मानते हैं। क्रिकेट दिग्गजों की मानें तो उनमें द्रविड़ का अक्श भी दिखता है। पंजाब के खिलाफ मिली हार के बाद जब हर्षा भोगले ने पोस्ट मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में रहाणे से बटलर-अश्विन विवाद पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा "हम किसी भी विवादित चीज पर कमेंट नहीं कर सकते। इस पर मैच रफेरी उचित फैसला लेंगे। हम उस निर्णय को भी खेल भावना के तहत ही स्वीकार करेंगे"। रहाणे की कही यह बात क्रिकेट का अनुसरण करने वाले युवाओं के लिए एक शानदार संदेश और सीख दोनों हैं।
13वें ओवर में हुआ विवाद
किंग्स एलेवन के कप्तान आर अश्विन ने 185 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान रॉयल्स की टीम के विस्फोटक बल्लेबाज जॉस बटलर को मैच के 13वें ओवर में नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े बल्लेबाज को अपनी गेंदबाजी के दौरान क्रीज से बाहर जाते देखा,उन्होंने गेंद फेंकने की जगह पहले खुद को रोका, बटलर जैसे ही क्रीज से बाहर गए, नॉन स्ट्राइकर एंड पर अश्विन ने गिल्लियां बिखेर दी। अंपायर से अपील करने के बाद बटलर को क्रीच से बाहर पाया गया और उन्हें आउट करार दिया गया।
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