नई दिल्ली। एक समय था जब भारत बहुत तेज गति से गेंद फेंकने वाले गेंदबाजों की कमी से जूझ रहा था। तब लंबे इंतजार के बाद टीम इंडिया को उमेश यादव और वरूण एरोन के रूप में एक ऐसी विशुद्ध तेज गेंदबाजी जोड़ी मिली थी जो ना केवल लंबे समय तक क्रिकेट की हर फार्मेट में प्रदर्शन करने की क्षमता रखती थी बल्कि अपनी तेज गति के साथ कोई समझौता भी नहीं करती थी। इसमें समय के साथ उमेश के खेल और फिटनेस में उल्लेखनीय निखार आया लेकिन वरूण भारत के नए गेंदबाजों मसलन शमी और बुमराह के उभार तले कहीं छुपे से गए।
2010-11 के विजय-हजारे ट्रॉफी सीजन में 153 किमीं प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर सनसनी फैलाने वाले वरूण ऐरान लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। उनको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले हुए चार साल हो चुके हैं। जबकि पिछले साल हुए आईपीएल में उनको नीलामी में खरीददार भी नहीं मिला था। लेकिन इस बार उन्होंने दमदार वापसी करते हुए रणजी ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस दौरान 7 प्रथम श्रेणी मैचों में 25 विकेट झटके हैं।
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इस प्रदर्शन का इनाम उनको इस बार आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स ने 2 करोड़ 40 लाख में खरीदकर दिया है। अब इस तेज गेंदबाज की नजरें आईपीएल में प्रदर्शन के जरिए भारतीय टीम में वापस जगह बनाने पर टिकी हुई है। अपने तेज गति से गेंदबाजी करने की क्षमता के बारे में बात करते हुए वरूण एरोन ने टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट को बताया है कि उनमें तेज गति से गेंद फेंकने की क्षमता ईश्वर की देन है। इसके लिए मैंने काफी मेहनत भी की है। मैं अभी तक काफी अच्छी गति से गेंदबाजी कर सकता हूं।
वरूण ने अपने क्रिकेट खेलने का एकमात्र मकसद टीम इंडिया में जगह बनाना और भारत के लिए मैच जिताना बताया है। आरोन ने कहा कि वे आईपीएल में अपना बेस्ट देना चाहते हैं और उनको यकीन है कि वे जल्द ही टीम इंडिया की ओर से खेलते हुए नजर आएंगे।