नई दिल्ली। धोनी जितने ही कूल इंसान है उतने ही अनुशासन पसंद कप्तान भी है। अक्सर मुश्किल क्षणों में भी शांत चित्त दिखने वाले कैप्टन कूल खेल के कायदों के साथ कभी समझौता नहीं करते हैं। चाहे गेंदबाजों को सही लाइन और विविधता का इस्तेमाल बताना हो फिर फील्डरों को सही जगह पर तैनात करना, ये काम धोनी तब भी करते है जब टीम इंडिया की ओर से विराट कोहली कप्तानी कर रहे होते हैं। खासकर अंतिम ओवरों में विराट सीमा-रेखा पर सक्रिय हो जाते हैं और कप्तानी की बागदौर अघोषित रूप से धोनी संभाल लेते हैं।
अब तो खैर धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की पूरे समय कप्तानी कर रहे हैं, ऐसे में पूरे खेल पर उनका नियंत्रण जबरदस्त रहता है। यह बात उनकी कप्तानी में खेलने वाला प्रत्येक खिलाड़ी जानता है कि धोनी को गलतियों का दोहराव पसंद नहीं है। इसकी एक बानगी चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच मैच में देखने को मिली। ये मैच का 8वां ओवर चल रहा था और मुंबई की टीम बैटिंग कर रही थी। तभी जडेजा की एक गेंद पर मुंबई के बल्लेबाज ने प्वाइंट में खेल दिया जहां पर शार्दुल ठाकुर फील्डिंग कर रहे थे।
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गेंद पहले तो ठाकुर के हाथ में ही नहीं आई। फिर उन्होंने तुरत-फुरत में गेंद को पकड़कर विकेटकीपर की एंड की ओर थ्रो किया तो वो भी पूरी तरह से गलत कर बैठे। गेंद धोनी और फील्डर के बीच से निकलकर चली गई और मुंबई की टीम ने एक रन और लूट लिया। इस घटना के बाद धोनी की प्रतिक्रिया तो देखने का मौका नहीं मिली लेकिन ठाकुर ने धोनी का मूड भांपकर तुरंत हाथ जोड़कर माफी मांगने में देरी नहीं लगाई। शायद ठाकुर की इस माफी ने उनको धोनी के उस गुस्से से बचा लिया जो कभी-कभार ही हमने मैदान में देखा है।