नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम में फिटनेस मापने का पर्याय बन चुका यो-यो टेस्ट विराट कोहली और रवि शास्त्री की अगुवाई वाले टीम प्रबंधन में खास जगह बना चुका है। लेकिन लगता है महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) का नजरिया इस मामले में थोड़ा अलग है। सीएसके ने अपनी टीम के सदस्यों के लिए यो-यो टेस्ट करवाने से मना कर दिया है।
यो-यो टेस्ट क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पूरी तरह से अपनी साख जमा चुका है तो माना जा रहा था कि आईपीएल की टीमें भी इस टेस्ट को आजमा सकती हैं। लेकिन चेन्नई की यो-यो टेस्ट प्रक्रिया को अनिवार्य नहीं करना चाहता है। इसके बजाए सीएसके की टीम प्रत्येक खिलाड़ी की अलग-अलग जरूरत के हिसाब से स्मार्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम डिजाइन करने पर जोर दे रही है। आपको बता दें कि इस टीम के ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन हैं जिन्होंने यो-यो टेस्ट के बजाए 2 से 2.4 किमी. की दौड़ और स्प्रिंट रिपीट टेस्ट को खिलाड़ियों की फिटनेस मापने के लिए अपनाया है।
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रामजी भारतीय टीम के पूर्व ट्रेनर भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा- 'भारतीय क्रिकेट टीम यो-यो टेस्ट करती है। इसका मतलब यह नहीं कि मुझे भी यह करना पड़ेंगा। सब खिलाड़ियों के हिसाब से अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाना होता है। उदाहरण के तौर पर आप धोनी और सचिन के लिए एक ही प्रोग्राम नहीं बना सकते हो।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिटनेस एक ऐसी चीज है जिसको आप केवल एक टेस्ट के जरिए नहीं बांध सके।
रामजी ने इस दौरान धोनी के कसरत करने के तरीकों के बारे में बात करते हुए बताया धोनी एक स्मार्ट ट्रेनर है। वह पॉवर लिफ्टिंग नहीं करते हैं बल्कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते हैं जो उनकी कौशल को निखारने में सहायक साबित हो सके। इसके साथ ही रामजी ने यह भी कहा कि टीम इंडिया में भेड़ चाल है जहां कोई एक काम को करते हुए सफल हो जाता है तो बाकी सभी वही काम करने लगते हैं। लेकिन यहां सीएसके में हर खिलाड़ी के हिसाब से अलग प्रोग्राम तय किया जाता है।