1. जैसा आगाज हुआ वैसा अंत नहीं हुआ-
जीत के बावजूद आरसीबी में कुछ खामियां साफ दिख रही हैं। सबसे पहले बाद बल्लेबाजी की करते हैं जहां बेंगलुरु स्थिति टीम ने पहले बल्लेबाजी के दौरान 20 ओवर में 163 रन बनाए। लेकिन यह रन अंत में एबी डिविलियर्स के गियर चेंज से बने। जिस तरह से देवदत्त पडिक्कल और फिंच ने शुरुआत की थी और 90 रन पहले विकेट के लिए जोड़ लिए थे उसके हिसाब से आरसीबी कम से कम 180 रनों के स्कोर पर बढ़ रही थी और यहां हम भूलना नहीं चाहेंगे कि युवा बल्लेबाज देवदत्त अनुभवी फिंच पर भारी पड़े हैं। फिंच आउट ऑफ टच में दिखाई दिए और वे जब आउट हुए तब उनसे स्ट्राइक रेट तेज करने की अपेक्षा की जा रही थी।
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भारतीयों सितारों से लय पकड़ने की उम्मीद-
यही स्थिति विराट कोहली और शिवम दुबे के साथ दिखाई दी है। अभी ये खिलाड़ी लॉकडाउन के बाद तुरंत लय को नहीं पकड़ पा रहे हैं। लेकिन उम्मीद है जैसे जैसे मैच आगे बढ़ेंगे भारतीय सितारें अपनी लय पकड़ लेंगे। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोहली ने इससे पहले इंटरनेशनल लेवल पर न्यूजीलैंड का दौरा किया था जहां उनकी और बुमराह की असफलता का खामियाजा भारत को चुकाना पड़ा था। यह बात ध्यान रखनी इसलिए भी जरूरी है क्योंकि डिविलियर्स ने मैच के बाद खुद कहा है कि उन्होंने खुद को सरप्राइज किया है। उनकी बात का मतलब साफ है कि ये ऐसी पारी हर बार आए वो जरूरी नहीं।
2. उमेश यादव की दिशाहीन गेंदबाजी-
उमेश यादव भारत में टेस्ट टीम के प्रमुख गेंदबाज हैं लेकिन वे जब भी फुल लेंथ गेंद डालते हैं तो ऐसा लगता है जैसे उनके लिए लाइन-लेंथ पर काबू रखना हमेशा मुश्किल होता है। अक्सर उनकी ऐसी गेंदे लेग स्टंप पर पड़ी होती हैं जिनको चौके के लिए भेजना बल्लेबाज के लिए आसान होता है।
इस मुकाबले में उमेश पूरी तरह पटरी से उतरे नजर आए और ना तो वे 145 किलोमीटर की रफ्तार निकाल कर बल्लेबाजों को डरा सके और ना ही सटीक लाइन पर गेंदबाजी कर सके। उन्होंने 4 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 48 रन दिए।
3. करनी होगी कैचिंग प्रैक्टिस
आरसीबी के लिए इस मुकाबले में जॉनी बेयरस्टो ने तीन कैच के मौके दिए लेकिन एक भी मौके पर उनको लपका नहीं जा सका। मौके का फायदा उठाते हुए इस बल्लेबाज ने अर्धशतक भी जमाया। उनका एक कैच 40 रनों के स्कोर पर फिंच ने छोड़ा और फिर 48 रनों के स्कोर पर स्टेन ने। इसके बाद बेयरस्टो ने फिफ्टी लगाई 60 के स्कोर पर पडिक्कल द्वारा उनका एक और कैच छोड़ दिया गया।
हालांकि एक रन जोड़ने के बाद बेयरस्टो को चहल ने बोल्ड कर दिया लेकिन आरसीबी को आने वाले मैचों को जटिल नहीं बनाना है तो हाथ आए आधे मौकों को लपकना होगा।
4. डेल स्टेन को लेकर चिंताएं-
स्टेन का नाम टेस्ट क्रिकेट में बहुत बड़ा है जिसके चलते उनके ओवरऑल क्रिकेट में प्रतिष्ठा भी बहुत महान है लेकिन टी20 प्रारूप में स्टेन कभी भी महान गेंदबाज नहीं रहे। अपने नाम से न्याय करना तो दूर, वे अन्य गेंदबाजों के स्तर पर भी गेंदबाजी करने में कई बार इस प्रारूप में संघर्ष करते हैं। यही वजह है स्टेन आज तक एक ऐसे नियमित टी20 गेंदबाज नहीं बन पाए हैं जिसको कप्तान कभी भी आंख बंद करके बॉल थमा सके।
उन्होंने इस मुकाबले में निचले क्रम के बल्लेबाज संदीप शर्मा का विकेट लिया और 3.4 ओवरों में 33 रन खर्च किए। स्टेन की एकमात्र बेहतर बात उनकी स्पीड रही जो अभी भी 90 मील प्रतिघंटा को छू रही थी।