नई दिल्लीः क्या जीतना किंग्स इलेवन पंजाब की आदत बन चुकी है? इसका जवाब कागजों पर होगा- हां। लेकिन मैच के परिणामों पर नजर डालें तो मामले करीबी रहे हैं और पिछले चार मैचों में दो मैच ऐसे रहे हैं जहां किंग्स इलेवन जीती नहीं बल्कि विपक्षी हार गए। कुछ ऐसा ही एक मुकाबला कल रात खेला गया जहां सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पंजाब को 12 रनों की अप्रत्याशित जीत मिली।
इसके साथ ही किंग्स इलेवन की प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें बनी हुई हैं। हालांकि इससे पहले दिन में हुआ मुकाबला उनके पक्ष में नहीं गया क्योंकि वहां केकेआर ने दिल्ली कैपिटल्स को आराम से पीटकर खुद को अंक तालिका में और मजबूत किया है। आगे के खेल इस रोमांच को और बढ़ाएंगे कि कौन असल में प्लेऑफ में जाएगा लेकिन फिलहाल पंजाब के कप्तान राहुल लगातार चार जीतों के बाद खुश हैं। उनका कहना है कि वे जीत को अब एक आदत बना रहे हैं-
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"हां हम इसे एक आदत बना रहे हैं। पहले हाफ में हम किसी तरह इसे अपनी आदत नहीं बना सके। मैं ईमानदारी से अभी भी शब्दहीन हूं। लड़कों के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। किए गए काम हमेशा पर्दे के पीछे होते हैं, न केवल खिलाड़ी, बल्कि सहायक कर्मचारी भी शामिल होते हैं। आप एक खिलाड़ी को दो महीने में ज्यादा नहीं बदल सकते, लेकिन आप हमेशा उन्हें मानसिक रूप से बेहतर बना सकते हैं और यही कोच कुंबले, एंडी, चार्ल, जोंटी और वसीम ने किया है।"
इस मैच में राहुल के जोड़ी मयंक अग्रवाल नहीं थे बल्कि टीम राहुल और मनदीप की ओपनिंग जोड़ी के साथ गई।
"मैंने और मनदीप ने पहला ओवर खेला, हम जानते हैं कि यह उच्च स्कोरिंग विकेट नहीं है। हम 160 के करीब सोच रहे थे। पहले छह में वे कठिन हो गए। लेकिन मुझे पता था कि अगर हम पावरप्ले में कई रन नहीं लीक करते हैं तो हम चीजों को वापस खींच सकते हैं क्योंकि हमारे पास दो लेग स्पिनर हैं। हम बैठे और उन चीजों के बारे में सोचा जो गेंदबाजों को इन जैसी परिस्थितियों में चाहिए होती हैं और बदले में जब नतीजा मिले तो अच्छा लगता है।"