1. शेन वॉटसन
पूर्व कंगारू ऑलराउंडर के लिए यह सीजन खराब रहा और उन्होंने इसी दौरान क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से अपनी विदाई की घोषणा कर दी। उन्होंने इस सीजन में 11 मैच खेले और 29.90 के औसत से 299 रन बनाए। इसी के चलते वॉटसन को कुछ मैचों में बाहर भी बैठना पड़ा।
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2. पृथ्वी शॉ
बॉम्बे स्कूल ऑफ क्रिकेट के एक बल्लेबाज, पृथ्वी शॉ ने महत्वपूर्ण खेलों में प्रदर्शन करने की क्षमता दिखाई है। भारत की अंडर -19 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान, पृथ्वी को आईपीएल 2020 से पहले दिल्ली कैपिटल्स द्वारा बनाए रखा गया था।
लेकिन इस सीजन में मात्र 19 की औसत से 12 मैचों में उन्होंने केवल 228 रन बनाए, नवोदित प्रतिभा लगातार कैपिटल के लिए सही शुरुआत को मजबूत करने में असमर्थ रही है।
3. करुण नायर
कर्नाटक के बल्लेबाज करुण नायर ने संयुक्त अरब अमीरात में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए अपना सफर पूरा किया।
अपनी क्षमता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हुए, बल्लेबाज 4 अवसरों में से केवल 16 रन बनाने में सफल रहे, वह 13वें संस्करण के सबसे बड़े उतार-चढ़ाव में से एक साबित हुए हैं।
हालांकि, करुण को आगामी सीजन में मजबूती से आने की उम्मीद है जो मुख्यतः बल्लेबाज के लिए जाना जाता है।
4. महेंद्र सिंह धोनी
धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से विदाई आईपीएल से पहले ही ले ली थी लेकिन उनके ऊपर क्रिकेट ना खेलने का असर साफ दिखाई दिया और वे 12 पारियों में मात्र 200 बनाने में सफल रहे जबकि उनका स्ट्राइक बेहद धीमा यानी 116.27 का रहा।
अगर धोनी को अगले सीजन में सफलतापूर्वक वापसी करनी है तो उनको कुछ प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना होगा।
5. दिनेश कार्तिक
कार्तिक की बैटिंग खराब रही जिसके चलते उन पर कप्तानी छोड़ने का दबाव आया लेकिन फिर भी यह अनुभवी खिलाड़ी वो लय हासिल नहीं कर सका। उन्होंने केवल 169 रन इस सीजन में जोड़े। कार्तिक को देखकर ऐसा लगा वे और बेहतर कर सकते थे लेकिन कर नहीं पाए। खैर केकेआर की टीम भी प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है और अगले सीजन के लिए कार्तिक को अपनी योजनाओं को सही तरह से मैदान पर उतारना होगा।
6. आंद्रे रसेल
अगर कोलकाता की लुटिया डूबी है तो इसमें आंद्रे रसेल का सबसे बड़ा हाथ है। यह खिलाड़ी पिछले सीजन में आसमानी अपेक्षाए देकर गया था लेकिन इस बार फुस्स साबित हुआ। 9 पारियों में केवल 117 रन बनाने वाली इस कैरेबियाई ने अपने नाम के साथ घोर अन्याय किया क्योंकि उनका औसत मात्र 13 का है। यह भी देखा गया कि मुश्किल पिच और मैदान पर उनकी कलई खुल जाती है।
रसेल ने टीम को अपनी खराब फॉर्म से ही निराश नहीं किया बल्कि वे चोटिल होकर कुछ मैचों के लिए लगातार बाहर बैठे रहे और टीम हारती रही।
7. केदार जाधव
जाधव को सीएसके टीम में देखना क्रिकेट पंडितों और फैंस को कतई रास नहीं आता है। खराब प्रदर्शन के चलते प्रतियोगिता के दूसरे हॉफ में तो उनको जगह पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा। इसके चलते उनके हिस्से में 8 मैच आए और उन्होंने 62 रन बनाए जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 93.93 का रहा।
रसेल की तरह जाधव भी इस फ्लॉप इलेवन में जगह बनाना सर्वाधिक डिजर्व करते हैं।
8. सुनील नरेन
नरेन टी20 क्रिकेट में एक लीजेंड हैं और केकेआर के लिए 2012 से अपना फर्ज अदा कर रहे हैं। लेकिन इस बार उन्होंने बल्ले से 10 पारियों में मात्र 121 रन बनाए जिसमें उनका औसत 13.44 रहा।
गेंद से भी बदले हुए एक्शन के साथ वे कमतर दिखे और उन्होंने 5 ही विकेट चटकाए। कोई नहीं जानता अगले सीजन में उनका क्या होगा। क्या यह दिग्गज वापसी कर पाएगा? उम्मीद तो है लेकिन हर कोई क्रिस गेल नहीं होता। नरेन के सामने मुश्किल समय है।
9. कुलदीप यादव
कुलदीप भारतीय क्रिकेट में एक संघर्षरत युवा की पहचान बन चुके हैं और इस सीजन में कुछ भी उनके हिसाब से नहीं गया। उनको केकेआर के लिए केवल 1 विकेट मिला और इकॉनमी 7.66 की रही।
कुलदीप गैर भारतीय परिस्थितियों में गेंद पर ग्रिप बनाने के लिए संघर्ष करते रहे।
10. जयदेव उनादकट
2017 में आईपीएल के सीजन में यह गेंदबाज बाद में चमका था और नई गेंद से स्विंग कराने की अपनी क्षमता दिखाई थी। लेकिन उनके बाद से मामले में गिरावट ही रही है। इस सीजन में वह केवल 4 ही विकेट लेने में कामयाब रहे। आरसीबी के खिलाफ एक मैच तो उन्होंने अपने ही ओवर के चलते टीम को हरा दिया था। फिर वे बेंच पर बैठे रहे।
11. डेल स्टेन
स्टेन टेस्ट क्रिकेट में एक बड़ा नाम था लेकिन कभी भी सफेद गेंद के महान क्रिकेटर नहीं रहे। उम्र के ढलते दौर में तो वह एक बुरे टी20 बॉलर ही साबित हुए हैं। उनके पास अभी भी 140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति है लेकिन वह भी किसी काम की नहीं लगती।
स्टेन इतने खराब थे कि उनको तीन ही मैच खिलाए गए जिसमें उन्होंने 133 रन खर्च करके 1 विकेट लिया। उनका इकॉनमी रेट 11.4 का था।