दर्शकों के बिना टीम को जीतने की आदत लगानी होगी
मांकिड़िंग के मुद्दे पर बात करने से पहले मुथैया मुरलीधरन ने अपनी जिंदगी में गेंदबाजी के महत्व के बारे बताया और कहा कि अगर उनके जीवन में गेंदबाजी न होती तो उनका जीवन बोरिंग हो जाता। फिलहाल वह सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के साथ यूएई में ट्रेनिंग कैंप में प्रैक्टिस करते नजर आये।
दर्शकों के बिना खाली स्टेडियम में मैच कराने को लेकर उन्होंने कहा,'खाली स्टेडियम में दर्शकों की गैरमौजूदगी में खेलना थोड़ा मुश्किल रहेगा लेकिन टीम इस चीज के लिये मानसिक रूप से तैयार है। हमें हैदराबाद में दर्शकों के सामने जीतने की आदत है लेकिन हमें दर्शकों के बिना जीतने को तैयार रहना होगा। हो सकता है इससे खिलाड़ियों को अपने खेल पर ध्यान लगाने का ज्यादा वक्त मिले'
मांकड़िंग को लेकर देनी चाहिये इजाजत
वहीं मांकड़िंग को लेकर मुरलीधरन का मानना है कि खिलाड़ियों के इसकी इजाजत देना अच्छा है और अगर आप गेंदबाजों को ऐसा करने से रोकते हैं तो आपको विपक्षी टीम को पेनल्टी के रूप में 5 रन देने की इजाजत देनी चाहिये।
हिंदुस्तान टाइम्स को दिये एक साक्षात्कर में उन्होंने कहा, 'अगर बल्लेबाज के ऐसा करने पर गेंदबाज के रन आउट करने के तरीके को गलत बताया जाता है तो बल्लेबाज को भी ऐसा नहीं करना चाहिये। अगर वह ऐसा करता है तो वो उसे दी जा रही चेतावनी का गलत फायदा उठा रहा है। ऐसे केस में अंपायर को गेंदबाजी टीम को पेनल्टी के रूप में 5 रन देने चाहिये।'
हैदराबाद के पास है बेहतरीन स्पिनर्स
सनराइजर्स हैदराबाद की तैयारियों को लेकर भी मुरलीधरन ने बात की और कहा कि उसका गेंदबाजी क्रम काफी मजबूत है और उन्हें नहीं लगता कि टीम में स्पिनर ज्यादा होने से टी20 में जीत की संभावना बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा, 'हमारे पास दुनिया के बेहतरीन गेंदबाज हैं फिर चाहे वो राशिद खान हों या फिर मोहम्मद नबी, उनके अलावा टीम के साथ जुड़े नये स्पिनर्स संजय यादव, शादाब नदीम और अभिषेक शर्मा भी काफी बेहतरीन गेंदबाजी करते हैं। हमारे पास पिछले साल सेे ही काफी अच्छे स्पिन गेंदबाज है और मुझे नहीं लगता कि छोटे प्रारूप में लेग स्पिनर ज्यादा फायदेमंद होते हैं। हमें स्पिनर्स की भूमिका को समझना होगा, वो छोटे प्रारूप में बल्लेबाजों का चकमा देने का काम करते हैं।'
चकमा दे सकती हैं यूएई की पिचें
मुरलीधरन का मानना है कि यह जरूरी नहीं है कि यूएई की पिचें स्पिन के लिये मददगार साबित हों, वह आपको आश्चर्यचकित करते हुए चौंकाने का काम कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यूएई कि पिचें स्पिन गेंदबाजी के लिये मददगार साबित होंगी। मैंने भी अपने करियर में शारजाह के मैदान पर 40-50 मैच खेले हैं। मेरे हिसाब से यह फ्लैट विकेट है। अगर इस बार कुछ चमत्कार होता है तो कुछ कह नहीं सकते लेकिन मेरा अनुभव कहता है कि वो ऐसी ही रहने वाली है। वहीं दुबई की विकेट काफी स्लो है और अबु धाबी की विकेट पर मैं कभी नहीं खेला हूं। तो मुझे लगता है कि पिचों का व्यवहार काफी मिला जुला रहने वाला है। हालांकि यह देखने वाला होगा कि विकेटकीपर के रूप में किसका चयन होता है।'
मध्यक्रम के लिये अभी भी करनी होगी मेहनत
वहीं टीम की बल्लेबाजी क्रम के बारे में बात करते हुए मुरलीधरन ने कहा कि हमारे पास टॉप ऑर्डर तो काफी मजबूत है लेकिन मध्यक्रम में काम करने की जरूरत है। विकेटकीपिंग में हमारे पास जॉनी बेयरेस्टो और ऋद्धिमान साहा के रूप में दो विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में देखना होगा कि किसका चयन होता है। हर टीम को 14 मैच खेलने हैं और हमारे पास श्रीवत्स गोस्वामी भी हैं।
उन्होंने कहा, 'हमारा टॉप ऑर्डर काफी मजबूत है, लेकिन मध्यक्रम बल्लेबाजी चिंता का विषय बनती है। यही वजह है कि इस बार हमने युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग, विराट सिंह, अभिषेक शर्मा, अब्दुल समद, संजय यादव और बी संदीप को भी मौका दिया है।'