नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 2020 संस्करण 19 सितंबर को अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में गत चैंपियन मुंबई इंडियंस (एमआई) और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के बीच मैच के साथ शुरू हुआ था। हालांकि, नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) के डोप कंट्रोल ऑफिसर्स (DOCs) अभी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में नहीं आए हैं।
सैंपल कलेक्शन की प्रक्रिया शुरू होनी बाकी है क्योंकि नाडा के अधिकारी यूएई की यात्रा के लिए भारत सरकार की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। नाडा की टीम सितंबर के दूसरे सप्ताह में उड़ान भरने के लिए तैयार थी, लेकिन भारत के पास विदेश मंत्रालय की लंबित स्वीकृति नहीं थी। DOC का पहला बैच 12 सितंबर को यात्रा करने वाला था।
NADA को अभी तक IPL की मंजूरी नहीं मिली है
टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) की रिपोर्ट के अनुसार, नाडा अगले हफ्ते तक या तो दुबई या शारजाह में अपनी DOC भेजने की मंजूरी लेने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, देश में वर्तमान COVID-19 महामारी की स्थिति और UAE के स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए सख्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के कारण चीजें उज्ज्वल पक्ष पर नहीं दिखती हैं।
सूत्रों ने कहा कि नाडा ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले आईपीएल में डोप परीक्षण के लिए प्रस्ताव पेश किया था और मंत्रालय ने सरकार में आवश्यक कर्मियों को भेज दिया था। NADA को एहतियात के तौर पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा बनाए गए जैव-सुरक्षा बुलबुले में प्रवेश करने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
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इसके अलावा, आगंतुकों को दुबई और शारजाह में सात दिन की संगरोध अवधि बितानी पड़ती है, जबकि अबू धाबी में यह अवधि लगभग 15 दिनों तक रखी हुई है। इससे पहले, NADA ने संयुक्त अरब अमीरात के NADO के साथ मिलकर अपनी डोपिंग विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए खाड़ी देश में पांच 'डोप कंट्रोल स्टेशन' स्थापित किए। इसके अलावा, उच्च लागतों को ध्यान में रखते हुए, नाडा ने क्रिकेटरों की केवल 20 इन-प्रतियोगिता और 30 आउट-ऑफ-क्रिकेट क्रिकेटरों का संचालन करने की योजना बनाई थी। जहां तक टूर्नामेंट के शेड्यूल का सवाल है, फाइनल 10 नवंबर को खेला जाएगा।