नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए बीसीसीआई ने आईपीएल सीजन-13 यूएई में करवाने का फैसला लिया। टूर्नामेंट की शुरूआत यहां सख्त नियमों के साथ हुई है। इस सीजन में किसी भी टीम को कम नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक टीम ने अच्छा प्रदर्शन है। कोरोना वायरस के बीच लंबे ब्रेक के बाद खिलाड़ी आईपीएल में अच्छी तैयारी के साथ उतरे, लेकिन अब उन्हें चिंता है। चिंता है सैलरी में कटाैती होने की।
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खाली स्टेडियम में होने वाले मैचों में टीमों और बीसीसीआई को पहले ही बड़ा नुकसान हो चुका है। मध्य पूर्व में वैट नियमों का मुद्दा अब एक समस्या बन गया है। नए मूल्य वर्धित कर कानून के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात में हर सर्विस पर कर लगता है। यह नियम 2018 में लागू किया गया है। इससे पहले, जब 2014 में यूएई में आईपीएल का आयोजन हुआ था, तब ऐसा कोई नियम नहीं था। इंडी स्पोर्ट्स के अनुसार, नए नियम आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों के वेतन पर वैट भी लगाएंगे।
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फ्रेंचाइजी को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। किंग्स इलेवन पंजाब के सीईओ एलसी गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में, खिलाड़ियों के वेतन में कोई कमी नहीं होगी। यदि नियम लागू होते हैं, तो यह न केवल खिलाड़ियों के वेतन, बल्कि मताधिकार की कमाई को भी प्रभावित करेगा। हालांकि, बीसीसीआई और दुबई बोर्ड ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बता दें कि कोरोना के कारण सभी बोर्ड को नुकसान पहुंचा है। आईपीएल सीजन-13 बिना स्टेडियम में बिना दर्शकों के करवाया जा रहा है।
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