क्या वाकई फिट हैं एमएस धोनी
सुनील गावस्कर ने लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे एमएस धोनी की फिटनेस पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा,'मैं फिटनेस के बारे में नहीं कह सकता, लेकिन मुझे लगता है कि सवाल यह धोनी को खुद से करना चाहिए।'
उन्होंने कहा, '10 जुलाई के बाद से उन्होंने अपने आप को चयन के लिए उपलब्ध नहीं बताया है। यह अहम बात है। क्या कोई इतने लंबे समय तक अपने आप को भारत के लिए खेलने से दूर रखता है? यह सवाल है और इसी में जवाब छुपा है।'
गावस्कर ने बताया रणजी ट्रॉफी पर क्यों भारी है आईपीएल
विश्व कप के बाद से भारतीय टीम में एमएस धोनी की जगह ऋषभ पंत टीम से जुड़े हुए हैं और आगामी टी-20 विश्व कप में उन्हें भारतीय टीम के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका में रखा जा रहा है। ऋषभ पंत के साथ संजू सैमसन भी लगातार टीम का हिस्सा बने हुए हैं। वह पुणे में शुक्रवार को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए आखिरी टी-20 मैच में खेले थे।
इस बीच सुनील गावस्कर ने घरेलू क्रिकेट पर बात करते हुए बताया कि आखिर क्यों रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट पर आईपीएल भारी है। लिटिल मास्टर ने कहा कि रणजी ट्रॉफी में अनकैपड खिलाड़ियों का भत्ता इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तुलना में बहुत कम है, यही कारण है कि यह लीग टूर्नामेंट सभी घरेलू टूर्नामेंट पर भारी पड़ता है।
बढ़ना चाहिये घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों का भत्ता
सुनील गावस्कर ने घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों के भत्ते को बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि आईपीएल की तुलना में यह अंतर कम करने के लिये इसे बढ़ाना चाहिये।
उन्होंने कहा, ' बीसीसीआई ने पिछले काफी समय से घरेलू खिलाड़ियों की आय के हिस्से में बढ़ोतरी नहीं की है। यही कारण है कि आईपीएल रणजी ट्रॉफी पर भारी है। जब तक मैच फीस में बढ़ावा नहीं किया जाएगा रणजी ट्रॉफी को भारतीय क्रिकेट के एक अनाथ बच्चे की तरह समझा जाएगा।'
गावस्कर ने आगे कहा, 'मुझे उम्मीद है कि सौरभ गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद से चीजें बदलेंगी, जल्द ही वह घरेलू क्रिकेटर्स के वेतन की समस्या की ओर ध्यान देंगे। अगर आप 14 दिन आईपीएल खेलने वाले खिलाड़ियों, जो लगातार प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलते हैं, और जो 80 दिन रणजी ट्रॉफी खेलते हैं, उनके वेतन को देखेंगे तो काफी अंतर पाएंगे। उम्मीद है कि इसे जल्द कम किया जायेगा।'
4 दिवसीय टेस्ट पर कुछ भी बोलने से किया इंकार
इस मौके पर जब सुनील गावस्कर से आईसीसी की ओर से प्रस्तावित 4 दिवसीय टेस्ट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा, 'मैं जो सोचता हूं वो मायने नहीं रखता। मौजूदा खिलाड़ी क्या सोचते हैं वो मायने रखता है क्योंकि उन्हें ही मैच खेलने हैं। उनसे चर्चा की जानी चाहिए। वह मैदान की स्थिति से काफी अच्छे से वाकिफ हैं।'