जब सुसाइड करना चाहते थे कुलदीप यादव
कुलदीप यादव ने अपने इंटरव्यू के दौरान बताया कि क्रिकेट में उनका करियर सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने बताया कि कैसे महज 15 साल की उम्र में वह सुसाइड करना चाहते थे।
उन्होंने कहा,' जब अंडर-15 की टीम के सेलेक्शन हो रहे थे तो उस वक्त मैं चाइनामैन गेंद नहीं डाल सके, जिसके चलते मुझे नहीं चुना गया। इस खबर को सुनने के बाद मैं डिप्रेशन में चला गया था और इतना दुखी हो गया था कि आत्महत्या करने के बारे में सोच रहा था। मैंने मन बना लिया था कि अब क्रिकेट खेलना छोड़ दूंगा लेकिन पिता जी ने मेरा मनोबल बढ़ाया और उसी की वजह से आज तक पहुंचे हैं।'
स्पिनर नहीं तेज गेंदबाज बनने की थी चाहत, अकरम ने समझाया
कुलदीप यादव ने इसके साथ ही बताया कि वह एक स्पिनर नहीं बल्कि तेज गेंदबाज बनना चाहते थे और अपने हीरो वसीम अकरम की तरह गेंदबाजी करना चाहते थे। कुलदीप ने बताया कि उस दौरान उनकी गेंद भी स्विंग हुआ करती थी।
उन्होंने कहा,' मेरी गेंद स्विंग करती थी, जिसके चलते मैं वसीम अकरम की तरह गेंदबाजी करना चाहता था। फिर एक दिन कोच ने मुझसे कहा कि तुम तेज गेंदबाजी नहीं करोगे, अगर स्पिन गेंद डालनी है तो डालो। उस समय मैं सिर्फ 11 साल का था और कोच को लगा कि मैं इतनी कमजोर हूं कि शायद भविष्य में इतना भार नहीं उठा सकूं। जिसके बाद मैंने स्पिन गेंद डालनी शुरु की और मैं लकी था कि मैंने चाइनामैन गेंद डाली, मुझे नहीं पता था कि चाइनामैन गेंदबाजी क्या होती है। मैंने राउंड द विकेट लेग स्पिन डाली। कोच को लगा यह नई चीज है, एक-दो गेंद बाद उन्होंने मुझसे और गेंद डलवाई और कहा आज से तुम ऐसे ही गेंद डालोगे। फिर मुझे एहसास हुआ कि यह अलग तरह की गेंदबाजी है।'
बताया क्यों था पिछला आईपीएल खराब
कुलदीप यादव ने इसके साथ ही बताया कि पिछले सीजन में उनका आईपीएल कुछ खास नहीं बीत सका लेकिन इस बार वह काफी तैयार थे। कुलदीप ने खराब प्रदर्शन के पीछे का कारण भी बताया।
उन्होंने कहा,' मैं आईपीएल 2020 के लिए पूरी तरह से तैयार था। मैंने इसके लिए अच्छी योजना बना रखी थीं। मैं इस आईपीएल में सफलता के प्रति 100 प्रतिशत तैयार था। पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक क्रिकेट खेली गई। मैं आईपीएल शुरू होने से केवल तीन दिन पहले टीम से जुड़ा था। इसलिए योजना सही तरह से नहीं बनी।'
जब गंभीर और अकरम ने की कुलदीप की मदद
उन्होंने केकेआर के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर और कोच वसीम अकरम की भी जमकर प्रशंसा की, जिनसे वह अपने शुरुआती दिनों में काफी प्रभावित थे।
उन्होंने कहा, ' गौती भाई (गंभीर) का केकेआर के शुरूआती दिनों में मुझ पर काफी ज्यादा प्रभाव था। वह हमेशा मुझसे काफी बात करते थे। केकेआर के समय में ही नहीं बल्कि इसके बाद भी पिछले दो वर्षों में ऐसा जारी रहा है। जब आप विकेट नहीं लेते तो आपको आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा जाता है। इसके अलावा एक मैच में मैंने काफी रन लुटा दिए, जिससे मेरा आत्मविश्वास गिर गया।'