पांच स्थानों पर विचार किया गया है-
चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु और दिल्ली को अस्थायी रूप से मेजबान शहरों के रूप में पहचाना गया है और मुंबई के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत तय होने पर फिक्स किया जाएगा। फिलहाल यह शहर पेंडिंग लिस्ट में है। वर्तमान में देश भर में महसूस की गई कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कारण इस बात की आशंकाएं कम हैं कि राज्य सरकार आईपीएल की अनुमति देगी।
हाल ही में महामारी की दूसरी लहर शुरू होने से पहले, बीसीसीआई ने मुंबई में ही पूरे टूर्नामेंट की मेजबानी करने के विकल्प को गंभीरता से तलाशना शुरू किया था। लेकिन अब बीसीसीआई को मुंबई को छोड़कर प्लान बी पर काम करने के लिए जाना पड़ सकता है।
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लीग स्टेज के मैचों को 4 शहरों में कराया जा सकता है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मैचों के लिए टीमों को दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है और वे एक ही शहर में रहते हुए कई मैच खेलेंगी।
स्पोर्ट्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार लीग स्टेज के मैचों को 4 शहरों में कराया जा सकता है और नॉकऑउट स्टेज व फाइनल मैचों को दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में अहमदाबाद में कराया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीसीसीआई को ऐसे ही बायो-बबल बनाने होंगे जैसे की उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए किए हैं।
लखनऊ भी आईपीएल मैचों में हो सकता है-
इस बात की प्रबल संभावना है कि लखनऊ में भी आईपीएल मैचों में हो सकता है क्योंकि बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला उत्तर प्रदेश केंद्र में आईपीएल खेलों के लिए जोरदार पैरवी कर रहे हैं, लेकिन अभी यह प्रारंभिक सूची में नहीं है।
कोलकाता को एक स्थल के तौर पर रखना एक दिलचस्प फैसला लगता है क्योंकि भारत के चुनाव आयोग ने शुक्रवार (26 फरवरी) को पश्चिम बंगाल में आठ चरण के मतदान की घोषणा की - 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल। जबकि 2 मई को मतगणना होगी। लेकिन बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि जब 2019 के आम चुनाव के दौरान आईपीएल को बिना किसी बाधा के किया जा सकता है, तो विधानसभा चुनाव एक बड़ी समस्या नहीं होनी चाहिए। सबसे अधिक संभावना है, बीसीसीआई मैदान पर भीड़ को भी अनुमति देगा, जैसा कि वह भारत-इंग्लैंड श्रृंखला के लिए कर रहा है।