1. CSK और RR को मैच फिक्सिंग के चलते बैन किया गया था-
2013 एक ऐसा सीजन था जिसको चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के फैंस भूलाना चाहेंगे। 2013 में हुई घटना अभी भी ऐसा कारण है जो आईपीएल की छवि पर दाग लगाती है। जुलाई 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीम को आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग गतिविधियों के चलते 2 साल के लिए सस्पेंड कर दिया था। ऐसा इसलिए ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि सीएसके और राजस्थान रॉयल्स से जुड़े मुख्य अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा सट्टेबाजी में स्पॉट फिक्सिंग गतिविधियों में शामिल थे। इन दोनों अधिकारियों को बीसीसीआई द्वारा संचालित किए जाने वाले किसी भी क्रिकेट मैच से जीवन भर के लिए बैन किया हुआ है।
हालांकि लोग अभी भी सोचते हैं कि वह इसलिए बैन किए गए हैं क्योंकि उन्होंने मैच फिक्सिंग की है। यह सच है कि दोनों ही टीमों को बैन किया गया था लेकिन वह सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के लिए बैन किया गया था। यहां मुख्य बात समझने की यह है कि मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग दोनों अलग-अलग चीजें होती है। स्पॉट फिक्सिंग में आप पहले से ही यह फिक्स करते हैं कि कोई एक खास घटना किस तरीके से होगी। जबकि मैच फिक्सिंग में मैच का परिणाम ही खिलाड़ी या अधिकारी के द्वारा फिक्स कर दिया जाता है।
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2. मुंबई इंडियंस अंपायरों को खरीद लेती है-
मुंबई इंडियंस आईपीएल के इतिहास की सबसे सफल फ्रेंचाइजी है। उन्होंने पांच बार आईपीएल का टाइटल जीता है हालांकि कई लोग समझते हैं कि मुंबई इंडियंस की टीम अंपायरों को खरीद देती है और अपने फेवर में फैसले करवाती है जिसके चलते उनको इतनी ट्रॉफी मिली है। इस तरह के दावे ना केवल मजाकिया है बल्कि बिल्कुल झूठे भी हैं। अंपायरों की गलतियां खेल का हिस्सा होती हैं और दिन के अंत में अंपायर भी बाकी खिलाड़ियों की तरह इंसान होते हैं जो गलतियां कर सकते हैं। इसके अलावा फाइनल मुकाबलों में 2019 के दौरान महेंद्र सिंह धोनी का रन आउट हो या फिर 2017 के फाइनल में स्टीव स्मिथ को दी गई वाइड गेंद का मामला, ये सभी 50-50 चांस के केस थे जो कि किसी भी तरफ जा सकते थे।
मुंबई इंडियंस की टीम जिस तरीके से खेलती है और उनका जो क्रिकेट ब्रांड है और वह अपने खिलाड़ियों का रखरखाव जैसे करती है, उनके खिलाड़ी ना केवल मुंबई इंडियंस में बल्कि अपनी अन्य टीमों के लिए भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इसी वजह से आईपीएल सीजन 2021 में भी मुंबई इंडियंस जीत की खिताबी जीत की प्रबल दावेदार है।
3. डेक्कन चार्जर्स ही सनराइजर्स हैदराबाद है-
कई लोग सोचते हैं कि सनराइजर्स हैदराबाद की टीम पहले डेक्कन चार्जर्स थी। हां यह सच है कि हैदराबाद की ओर से डेक्कन चार्जर्स शुरुआती टीम थी। उन्होंने आईपीएल के शुरू के 5 सीजन में भागीदारी भी की और यहां तक कि 2009 का टाइटल भी जीता था। वह छठे सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद के द्वारा रिप्लेस कर दिए गए। ऐसे में लोग समझते हैं कि दोनों ही टीमें एक थी जो की गलत है। सनराइजर्स हैदराबाद ने डेक्कन चार्जर्स को 2012 में रिप्लेस किया था और 2013 में डेब्यू किया था। डेक्कन चार्जर्स की टीम बैंक करप्ट हो गई थी और फ्रेंचाइजी को सन टीवी नेटवर्क ने टेकओवर कर लिया था। यह टीम सन टीवी नेटवर्क द्वारा खरीदी गई है। इससे एक हफ्ता पहले ही डेक्कन चार्जर्स की टीम लंबे समय से चल रहे फाइनेंसियल मुद्दों के चलते खत्म कर दी गई थी। अधिकतर खिलाड़ी जो डेक्कन चार्जर्स में 2012 में खेले थे वह सनराइजर्स हैदराबाद में चले गए थे। सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और आईपीएल की सबसे निरंतर टीम में से एक बनी हुई है। उन्होंने 2016 में खिताब भी जीता है।
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4. क्रिस मॉरिस आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं-
कई लोग यह सोचते हैं कि आईपीएल 2021 के नीलामी में सबसे महंगे बिके मॉरिस पूरे आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी है। क्रिस मॉरिस को इस साल फरवरी में हुई नीलामी में राजस्थान रॉयल्स की टीम ने 16.25 करोड रुपए में खरीदा था। हालांकि वह अभी भी आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी नहीं है। विराट कोहली आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी है। 2018 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम ने कोहली को 17 करोड़ रुपये की रकम पर रिटेन किया था। विराट कोहली इसके अलावा ऐसे खिलाड़ी हैं जो कि हर आईपीएल सीजन में एक ही फ्रेंचाइजी की ओर से खेले हैं और वे तब से अब तक एक ही प्रकार की रकम कमा रहे हैं। अगले साल आईपीएल में बहुत बड़ी नीलामी होगी और शायद तब विराट कोहली और भी बड़ी सैलरी पा सकते हैं क्योंकि आरसीबी की टीम उनको जाने देने के मूड में नहीं लगती।
5. आईपीएल को एक फिक्स लीग मानना-
कई लोग आईपीएल को सट्टेबाजी और मैच फिक्स करने वाली लीग का अड्डा मानते हैं और यह अभी तक का सबसे बड़ा मिथ है। यह सबसे बड़ी T20 लीग है लेकिन इसको आसानी से मैच फिक्सिंग भी बता दिया जाता है। जबकि इस लीग में खेल रहा हर खिलाड़ी अपना बेस्ट प्रदर्शन करने के लिए जमीन आसमान एक कर देता है। भ्रष्टाचार की बात करें तो बीसीसीआई ने पूरी तरह से सुनिश्चित किया है कि आईपीएल का कोई भी मैच फिक्स ना हो। बीसीसीआई सभी चीजों की निगरानी करती है कि खिलाड़ी कहां जाते हैं और वह क्या करते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि खिलाड़ी जानबूझकर या अनजाने में किसी भी तरह की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में संलिप्त ना रहे। बीसीसीआई के नियमों से हर एक फ्रेंचाइजी भी वाकिफ है और यह समझना केवल बचकानी बात है कि आईपीएल के मैच फिक्स होते हैं। सच तो यह है कि यह आपके द्वारा सुने गए सबसे बड़े झूठ में से एक है।