नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन में दिल्ली लेग के दौरान हो रहे मैचों में स्टेडियम के अंदर पकड़े गये 2 सट्टेबाजों के केस में एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा है, जिसके बाद दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अधिकारियों के इस स्कैंडल में शामिल होने की बात सामने आ रही है। आईपीएल 2021 में सट्टेबाजी को लेकर इस केस में सामने आ रही रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली पुलिस ने इस रैकेट में शामिल जिन दो लोगों को पकड़ा है उनके पास से मिल हाउसकीपिंग स्टाफ के आई कार्ड डीडीसीए की ओर से ही जारी किये गये थे।
बीसीसीआई ने डीडीसीए को मैच के दौरान सिर्फ 40 कर्मचारियों को काम करने की अनुमति दी थी पर अब रिपोर्ट मिल रही है कि डीडीसीए ने 42 आई कार्ड जारी किये थे। राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच 3 मई को खेले गये मैच के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्टेडियम से दो ऐसे लोगों को पकड़ा जिनके पास आईपीएल एक्रेडिशन था।
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पुलिस ने दोनों आरोपियों को ग्राउंड पर पकड़ा जहां पर पूछताछ करने पर जब आरोपियों से सही जवाब नहीं दिया तो उन्हें पकड़कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। वहीं बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट के हेड शब्बीर हुसैन ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि उनके हिसाब से डीडीसीए ही इस सबके पीछे जिम्मेदार है जिसने बेटिंग के उद्देश्य रखने वाले दो लोगों को एक्रेडिशन देने का काम किया।
उन्होंने कहा,' अरुण जेटली स्टेडियम में डीडीसीए को 40 लोगों का हाउसकीपिंग स्टाफ रखने की परमिशन दी गई थी, हालांकि 2 लोग जिन्हे की गिरफ्तार कर लिया गया है वो स्टेडियम में घुसने में कामयाब रहे थे। या फिर कहें कि वहां पर 40 के बजाय 42 लोगों ने एंट्री कर ली थी। हालांकि जिस कॉन्ट्रैक्टेड वर्कर (सफाई कर्मचारी) के जरिये हम इन दोनों को गिरफ्तार करने में कामयाब हुए वह रजिस्टर्ड 40 लोगों का हिस्सा था।'
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वहीं इस बारे में जानकारी रखने वाले डीडीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस इस मामले में जांच कर रखी है जो कि डीडीसीए में किसी अधिकारी तक भी पहुंच सकता है। इस पूरे मामले की जिम्मेदारी डीडीसीए एडमिनिस्ट्रेटर (एचआर) नीरज शर्मा की है क्योंकि उनके पास ही सभी तरह के एक्रेडिशन और पासेज देने का जिम्मा है।