नई दिल्लीः क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने इस बात पर सख्त विरोध जताया है कि आईपीएल फ्रेंचाइजी अपने प्रमोशन के लिए कंगारू खिलाड़िओं का इस्तेमाल करना बंद करें। इसके लिए सीए ने बाकायदा प्रतिबंध भी लगा दिए हैं।
CA ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को एक आधिकारिक मेल लिखा, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों का उपयोग करके अपनी टीमों का विज्ञापन करने वाली फ्रेंचाइजी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।
मेल में वर्णित सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान किसी भी कंगारू खिलाड़ी को सट्टेबाजी, फास्ट फूड, शराब और तंबाकू ब्रांडों जैसे सामानों को बढ़ावा देते नहीं देखा जाना चाहिए। इतना ही नहीं अगर किसी भी आईपीएल फ्रैंचाइजी की पूरी टीम फोटो अगर शराब, फास्ट फूड / फास्ट-फूड रेस्तरां, तंबाकू के व्यवसाय में लगे हुए ब्रॉन्ड का प्रमोशन होता है तो वह भी गलत होगा। यानी अब फ्रेंचाइजी ऐसे ब्रांडों के विज्ञापन के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों का चेहरा नहीं दिखा सकती।
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बीसीसीआई ने सभी आठ फ्रेंचाइजी को एक आधिकारिक मेल लिखकर उन्हें सीए द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से अवगत कराया है। हालांकि इस बार से आईपीएल फ्रेंचाइजी का मुंह उतरा हुआ है और उन्होंने भारतीय बोर्ड से उम्मीद जताई थी कि ये मसला पहले ही सुलझाया लिया जाता तो सही रहता। फ्रेंचाइजी के मुताबिक बीसीसीआई खुद ही सीए को जवाब दे सकता था कि हम ऐसी बातों को स्वीकार नहीं कर सकते।
यानी की फ्रेंचाइजी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर ही सवाल दाग दिए हैं कि सीए की ऐसी अजीब हरकतों को बीसीसीआई ने माना ही क्यों। साथ ही फ्रेंचाइजी इसलिए भी हैरान है कि सीए तो खुद ही शराब और फास्ट फूड जैसी चीजों को बढ़ावा देने में पीछे नहीं रहता तो आईपीएल पर ही प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है।
एक फ्रेंचाइजी अधिकारी ने कहा, "यह एक बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि भारत में शराब, सट्टेबाजी और तंबाकू की ब्रांडिंग वैसे भी नहीं होती है, लेकिन बीसीसीआई को ऐसी शर्तों को स्वीकार नहीं करना चाहिए।"
ऑट्रेलिया के खिलाड़ियों को बहुत ही मोटी रकम देकर आईपीएल में खिलाया हुआ है। पैट कमिंस, ग्लेन मैक्सवेल, जे रिचर्डसन जैसे खिलाड़ी बहुत पैसा पीट रहे हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया का हिसाब ऐसा रहा है कि- स्टीव स्मिथ को सस्ते में क्यों लिया, फिंच को क्यों नहीं लिया, आदि-आदि।