नई दिल्लीः चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को दिल्ली कैपिटल्स के हाथों 3 विकेट से हार झेलनी पड़ी। सीएसके की टीम बाद की ओवरों में काफी धीमी हो गई थी जबकि पावर प्ले में उनको 2 विकेट के नुकसान पर 48 रन मिल गए थे। पॉवरप्ले के बाद बाउंड्री का ऐसा सूखा पड़ा जो सीधा अंबाती रायडू को ही तोड़ना पड़ा जिन्होंने 43 गेंदों पर नाबाद 55 रनों की पारी खेली लेकिन यह एक बार फिर से महेंद्र सिंह धोनी थे जिनकी बल्लेबाजी में लगा जंग फिर से सामने आ गया।
धोनी ने वह काम किया जो वे अब कई बार कर चुके हैं और यह था बहुत धीमी पारी खेलने का कारनामा। उन्होंने 27 गेंदों पर 18 रन बनाए जिसमें कोई भी बाउंड्री नहीं लगा सके और उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा। धोनी जब ऐसा खेलते हैं तो उनको बचाने के लिए लोग पहले आ जाते हैं और इस बार वैसा ही हुआ जब टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने साफ किया कि महेंद्र सिंह धोनी अकेले बल्लेबाज नहीं थे जो दुबई की पिच पर संघर्ष कर रहे थे।
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मैच के बाद फ्लेमिंग कहते हैं, "देखिए महेंद्र सिंह धोनी ही अकेले संघर्ष नहीं कर रहे थे। यह बैटिंग के लिए मुश्किल पिच थी जहां पर 136 का स्कोर लगभग पर्याप्त साबित हो रहा था। मुझे लगता है कि इस विकेट पर बड़े शॉट खेलना मुश्किल था। तो दोनों ही टीमों ने संघर्ष किया है। और मुझे लगता है कि हम केवल हम जीत के स्कोर से केवल 10-15 रन ही दूर रह गए।"
इसके अलावा इस फ्लेमिंग मानते हैं कि दिल्ली कैपिटल से गेंदबाजों ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की और वे काफी स्मार्ट थे जिनको खेलना आसान नहीं था। फ्लेमिंग ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स की कुछ गलतियों पर बात की और कहा कि बेहतर होगा कि यह सब चीजें यहीं पर ही समाप्त हो जाएं क्योंकि प्लेऑफ में ऐसी चीजें होना ठीक नहीं है। फिल्मी मानते हैं कि चेन्नई सुपर किंग्स की टीम अपनी इंटेंसिटी को बनाए रखने के लिए काफी कोशिश कर रही है और उनके लिए सकारात्मक बात यह है कि वे अभी भी टॉप टू में बने हुए हैं।