इस प्लान के तहत आउट हुए डिविलियर्स
मैच के बाद हरप्रीत बरार ने बताया कि उन्होंने मिस्टर 360 के नाम से मशहूर एबी डिविलियर्स को आउट करने के पीछे एक रणनीति बनाई थी जिसका बखूबी इस्तेमाल करने के चलते इस गेंदबाज ने अपने ड्रीम स्पेल फेंका और आरसीबी के एक नहीं बल्कि तीनों बड़े बल्लेबाजों का विकेट हासिल किया। ऐसा हर रोज देखने को नहीं मिलता जब कोई गेंदबाज अपने एक ही स्पेल में विराट कोहली, ग्लेन मैक्सवेल और एबी डिविलियर्स को आउट करने का काम करे। मोंगा के रहने वाले हरप्रीत बरार ने कोहली और मैक्सवेल को बोल्ड करने का काम किया तो वहीं पर डिविलियर्स को अपने जाल में फंसा कर राहुल के हाथों कैच कराने में सफलता हासिल की।
अपने प्लान का खुलासा करते हुए हरप्रीत ने बताया,'मैच के दौरान थोड़ा रुक कर आ रही थी इसे देखते हुए मैंने डिविलियर्स के खिलाफ गेंद को ऑफ स्टंप के थोड़ा बाहर और उनके स्लॉट से दूर रख कर गेंदबाजी करने का प्लान बनाया था। इसी के चलते मैंने एक स्लिप लगाई हुई थी और कवर्स को थोड़ा आगे ले लिया था। मैं सिर्फ गेंद खाली निकालना चाहता था लेकिन मुझे विकेट मिल गयी। यह बस आशीर्वाद है।'
कोहली के खिलाफ था ऐसा प्लान
वहीं हरप्रीत को जब कोहली के खिलाफ अहसास हुआ कि वो बड़ा शॉट लगाने को देख रहे हैं और फ्रस्टेट हो रहे हैं तो उन्होंने अपनी गेंदबाजी की लेंथ को और छोटा किया ताकि वो उन पर बड़ा शॉट न लगा सकें।
उन्होंने कहा,'मेरा बस एक ही प्लान था कि मैं सही लेंथ पर गेंदबाजी करूं और इस बात की चिंता छोड़ दूं कि आगे क्या होगा। भले ही मुझे चौका या छक्का पड़ जाये लेकिन मुझे अपनी लेंथ को बरकरार रखना था। ऐसे में अगर बल्लेबाज मेरी बॉल को मारने के लिये आगे बढ़े तो लेंथ को हल्का सा पीछे खींच लिया जाये जिसका रिजल्ट मुझे विराट के खिलाफ देखने को मिला।'
बरार ने बताया अपनी सफलता का राज
गौरतलब है कि हरप्रीत बरार ने पंजाब किंग्स के लिये अब तक 2 सीजन में 3 मैच खेलने का काम किया है लेकिन यह पहली बार है जब उन्हें विकेट मिली हो वो भी विपक्षी टीम के 3 बड़े खिलाड़ियों की। हरप्रीत ने अपनी सफलता के मंत्र का जिक्र करते हुए बताया कि रिजल्ट के बारे में ज्यादा न सोचना और फ्री माइंड होकर खेलना उनके काम आया।
उन्होंने कहा,'ऐसा नहीं है कि मैंने पहले दबाव भरे मैचों में शिरकत नहीं की है। मैं खेला हूं लेकिन जब आप ऐसे मैचों में प्रदर्शन नहीं करते हैं तो आप खुद पर बोझ डालना शुरू कर देते हैं जिसके चलते अतिरिक्त दबाव महसूस होता है। मेरे दिमाग में यह बात पहले ही थी और जब मुझे मौका मिला तो मैंने फ्रैंचाइजी के लिये मैच जीतने की कोशिश की।'