नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन में गुरुवार को वानखेड़े के मैदान पर खेले गये मैच में कुछ अलग देखने को मिला। हाइस्कोरिंग मैचों के लिये मशहूर इस ग्राउंड पर दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 147 रनों का स्कोर खड़ा किया और आईपीएल के इतिहास में दिल्ली की टीम पहली बार 150 से नीचे के स्कोर को डिफेंड करने में लगभग कामयाब भी हो गई थी लेकिन आखिरी ओवर में क्रिस मॉरिस की आतिशी पारी ने दिल्ली के जबड़े से जीत को छीन लिया। इस मैच के दौरान दिल्ली के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने काफी निराश किया और उसने अपने 4 अहम विकेट (पृथ्वी शॉ, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे और मार्कस स्टॉयनिस) महज 37 रन पर खो दिये।
वहीं राजस्थान रॉयल्स के लिये पिछले सीजन में कुल 4 विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी की और अपने 4 ओवर के स्पेल में 3 विकेट हासिल किये और सिर्फ 15 रन दिये। उनादकट ने पावरप्ले के दौरान पृथ्वी शॉ, शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे का विकेट हासिल किया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के लिये पहले मैच में शिखर धवन और पृथ्वी शॉ ने शानदार बल्लेबाजी की थी और 188 रनों के लक्ष्य को बेहद आसान बना दिया था। वहीं मैच के बाद जयदेव उनादकट ने पृथ्वी शॉ का विकेट निकालने के पीछे की अपनी रणनीति के बारे में बात करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने शॉ की किस कमजोरी के चलते उन्हें आउट करने का क्या प्लान बनाया था।
उन्होंने कहा,' जब भी टीम में गेंदबाजों की मीटिंग होती है तो हम फील्ड प्लेसमेंट को लेकर काफी बात करते हैं, शॉ के खिलाफ भी हमारी कुछ मीटिंग हुई थी। उन्होंने पहले मैच में काफी शानदार पारी खेली थी और वो इस दौरान ज्यादातर शॉट जमीनी खेल रहे थे। ऐसे में अगर हम उन शॉट को रोकने के लिये खिलाड़ी तैनात करेंगे तो जाहिर है खिलाड़ी कुछ नया करने के लिये जायेगा। जब गेंद हरकत करती है तो बल्लेबाज अपनी शैली से बाहर निकलकर खेलता है। पृथ्वी के साथ भी यही हुआ, खुशी है कि पहले ही ओवर में उनका विकेट हासिल करने में कामयाब रहा।'
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गौरतलब है कि आईपीएल के 13वें सीजन में उनादकट ने राजस्थान के लिये 7 मैच खेले थे और इस दौरान 215 रन देकर सिर्फ 4 विकेट हासिल किये थे। ऐसे में 14वें सीजन में उनादकट की जिस तरह से वापसी हुई वह काफी शानदार है।
इस पर बात करते हुए उनादकट ने कहा,' मुझे लगता है कि अब मेरे पास स्किल्स के साथ अनुभव का भी हथियार है। मेरे लिये यह घर वापसी की तरह था। मैं नई गेंद के साथ बॉलिंग करने की आजादी चाहता था, मुझे नई बॉल मिली और मैंने वो किया जो पिछले सीजन नहीं कर सका था। जब पहले मैच में मुझे मौका नहीं मिला तो मुझे पता था कि जब भी मेरी बारी आयेगी मुझे उसे भुनाना होगा।'