नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम पिछले आईपीएल सीजन में प्लेऑफ के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर पाई थी। आईपीएल की शुरुआत से ही चेन्नई की टीम ने हर सीजन में प्लेऑफ में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन जिस तरह से पिछले सीजन में प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई उसके बाद इस सीजन में चेन्नई की टीम ने जबरदस्त वापसी की और प्वाइंट टेबल पर नंबर 1 पर है। चेन्नई की टीम ने 6 मैचों में से 5 मैच में जीत दर्ज करके 10 अंक हासिल किए है और शीर्ष पर पहुंच गई है। अच्छी बात यह है कि चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का रन रेट भी सबसे अच्छा है। सीएसके का रन रेट 1.475 है जोकि बाकी टीम की तुलना में कहीं अधिक है। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स ने बुधवार को 7 विकेट से आसान जीत हासिल की है।
चेन्नई सुपर किंग्स की 5वीं जीत
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने 7 विकेट से जीत दर्ज की। चेन्नई के दोनों ही सलामी बल्लेबाजों ने अर्धशतकीय पारी खेली जिसकी बदौलत सीएसके ने मैच में 7 विकेट से आसान जीत दर्ज की। मैच में ऋतुराज गायकवाड़ ने 44 गेंदों पर 75 रन की पारी खेली, इस पारी में उन्होंने 12 चौके लगाए जबकि फाफ डूप्लेसिस ने 38 गेंदों पर 56 रन बनाए। डूप्लेसिस ने 1 छक्का और 6 चौके लगाए। दोनों की बेहतरीन पारी की बदौलत 18.3 ओवर में ही चेन्नई की टीम ने 172 रन के लक्ष्य को हासिल कर लिया। गायकवाड़ को उनकी जबरदस्त पारी के लिए मै ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
हमारी बल्लेबाजी जबरदस्त थी
मैच में जीत के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि हमारी बल्लेबाजी जबरदस्त थी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी गेंदबाजी अच्छी नहीं थी। यह विकेट काफी अच्छी थी। हम जब भी दिल्ली आते हैं तो यहां इस तरह की विकेट की उम्मीद नहीं करते हैं, गेंद बैट पर अच्छे से आ रही थी, पिच में गेंदबाजों के लिए कुछ भी नहीं था, अच्छी बात ह थी कि मैदान में किसी भी तरह की ओस नहीं थी। पिछले मैच में हमे लगा कि ओस ना हो तो 170 रन कम थे, लेकिन जबदस्त सलामी बल्लेबाजी के चलते मैच में पकड़ मजबूत हुई।
ड्रेसिंग रूम का माहौल अच्छा रखने की जरूरत
धोनी ने कहा कि जितना जल्दी आप सेटल हो उतना ही अच्छा है, दूसरी बात यह भी है कि 5-6 महीने हम क्रिकेट मैदान से दूर रहे। हर चीज पर पाबंदी थी, आप खुद अकेले भी जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे,इससे चीजें मुश्किल हो गई थीं। क्वारेंटीन में बदलाव काफी लंबा था। इस साल खिलाड़ियों ने ज्यादा जिम्मेदारी ली है। पिछले 8-10 सालों में हमने बहुत ज्यादा खिलाड़ियों को नहीं बदला है। हम समझते हैं कि खिलाड़ी ज्यादा नहीं खेल रहे हैं। हमे एक दूसरे से ज्यादा बात करने की जरूरत है। ड्रेसिंग रूम के माहौल को अच्छा रखना जरूरी है।