सिर्फ नाम के कप्तान थे स्टीव स्मिथ
गौरतलब है कि राइजिंग पुणे सुपरजायेंटस की टीम को 2 साल के लिये आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने बनाने की अनुमति दी थी। उन्होंने यह फैसला सीएसके, राजस्थान रॉयल्स के मैच फिक्सिंग मामले में नाम आने के बाद निलंबित होने के चलते लिया था। इस दौरान 2017 में आरपीएस की टीम ने फाइनल का सफर तय किया था, हालांकि इस दौरान टीम की कमान स्मिथ के हाथों में थी जबकि धोनी टीम में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज शामिल थे।
इसके साथ ही रजत भाटिया ने सभी आईपीएल फ्रैंचाइजियों के कप्तान चुनने की प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा कि कैसे वो टैलेंट से ज्यादा नाम के पीछे भागते हैं और किसी स्थानीय खिलाड़ी से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर पर भरोसा जताते हैं। भाटिया ने धोनी और स्मिथ की कप्तानी पर बात करते हुए कहा कि आप उनकी तुलना सपने में भी नहीं कर सकते।
इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा,' मैं कभी भी इस आइडिया का समर्थक नहीं रहा हूं। मुझे लगता है कि वो घरेलू क्रिकेटर्स के बारे में उतना नहीं जानते जिसकी जरूरत है। आप स्टीव स्मिथ की तुलना एमएस धोनी से नहीं कर सकते। अगर आप सभी 10 फ्रैंचाइजी टीमों के कप्तानों पर नजर डालें तो वो टॉप 10 कप्तान में शामिल नहीं हो सकते। मुझे तो इस बात से हैरानी है कि राजस्थान रॉयल्स ने कैसे उनकी कप्तानी पर भरोसा जताने का काम किया। हम आईपीएल 2017 के फाइनल में एमएस धोनी की वजह से पहुंचे थे न कि स्टीव स्मिथ की।'
केकेआर में बतौर कप्तान परिपक्व हुए गौतम गंभीर
उन्होंने कहा,'मैंने गौतम गंभीर की कप्तानी में खेलने का काफी लुत्फ उठाया, हालांकि जब वो दिल्ली कैपिटल्स की तीसरे सीजन कप्तानी कर रहे थे तो बतौर कप्तान उनमें परिपक्वता की कमी नजर आ रही थी, हो सकता है इसके पीछे का कारण यह रहा हो कि वो पहली बार आईपीएल में इस रोल को निभा रहे थे और उस दौरान काफी बदलाव देखने को मिले थे। लेकिन जब वो केकेआर के लिये खेलने पहुंचे और कप्तानी संभाली तो मुझे शक था कि क्या वो कप्तानी संभाल पायेंगे या नहीं, मैं उनके अंदर खेल का आनंद ले सकूंगा या नहीं लेकिन उनकी कप्तानी से बहुत फायदा हुआ। अगर आपके पास ऐसा कप्तान हो जो आप ही की तरह सोचता हो तो टीम को बहुत फायदा होता है और केकेआर के साथ यही देखने को मिला।'
गंभीर की तरह सहवाग भी जानते थे खिलाड़ियों को बैक करना
वहीं वीरेंदर सहवाग की कप्तानी पर बात करते हुए उन्होंने कहा,'जिस तरह से गौतम गंभीर को इस बात का पता था ठीक वैसे ही सहवाग को भी यह चीज पता थी। मैंने उनकी कप्तानी में भी दिल्ली कैपिटल्स के लिये खेला जब उनके हाथ में 2 साल तक टीम की कप्तान थी। जब गौतम के हाथों में कोलकाता की कमान थी तो वो मुझे लगातार प्लेइंग 11 में शामिल करते थे। वह मुझे यह बताते थे कि उन्हें मुझमें विश्वास है और वो जानते थे कि उनका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इस वजह से मुझे उनके अंडर खेलने में मजा आता था।'