पिछली तीन पारियों में सिर्फ 26 रन
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में संजू सैमसन महज 4 रन के स्कोर पर कैगिसो रबाडा की गेंद पर आउट हो गए थे। मैच में एक आसान सी गेंद पर संजू अपना कैच शिखर धवन को कैच थमा बैठे थे। तीसरे मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मैच में संजू सैमसन सिर्फ एक रन बना सके। वह सैम करन की गेंद पर डीजे ब्रावो को अपना कैच थमा बैठे। वहीं आरसीबी के खिलाफ मैच में संजू सैमसन 21 रन बनाकर वॉशिंगटन सुंदर की आसान सी गेंद पर ग्लेन मैक्सवेल को अपना कैच थमा बैठे। पहले मैच को छोड़ दें तो संजू सैमसन तीन मैचों में सिर्फ 26 रन बना सके हैं। वहीं उनकी अगुवाई में राजस्थान रॉयल्स की टीम 3 मैच में से 2 मैच हार चुकी है। संजू सैमसन के साथ यह पहली बार नहीं है कि एक मैच में अच्छी पारी खेलने के बाद वह विफल रहे हैं। उनकी हर साल लगभग यही कहानी रहती है। पिछले सीजन के आंकड़ों पर नजर डालें तो संजू सैमसन शुरुआत के तीन मुकाबलों कुछ ऐसा ही करते आए हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष 2018 से संजू सैमसन के आंकड़ों पर नजर डालें तो पहले तीन मैच में संजू सैमसन का औसत 60.9 का रहता है, स्ट्राइक रेट 172.5 का रहा है। इस दौरान संजू ने 2 शतक और 3 अर्धशतक लगाए हैं। वहीं चौथे मैच से संजू सैमसन का औसत 22.4 का रहता है जबकि स्ट्राइक रेट 133.5 का रहता है। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 3 अर्धशतक लगाए हैं। ऐसे में संजू सैमसन के लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि वह अच्छी शुरुआत के बाद आईपीएल के आगे के मैचों में कुछ खासन नहीं कर पाते हैं, जिसके चलते राजस्थान की टीम लगातार पिछड़ती जा रही है।
सहवाग ने भी उठाए थे सवाल
पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी संजू सैमसन के फॉर्म को लेकर कहा था कि यही वजह है कि वो भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाते हैं। हर सीजन में वह 2-3 बड़ी पारी खेलते हैं और बाकी के मैचों में वह फेल रहते हैं। अगर वह कप्तान नहीं होते और किसी और टीम में होते तो शायद उन्हें प्लेइंग 11 में भी जगह नहीं मिलती। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि क्या संजू सैमसन अपने अच्छे फॉर्म को लगातार बनाए रखने में सफल होते हैं या नहीं।