पहले भी लगा चुके हैं 5 छक्के
25 वर्षीय और 6 फीट की कद-काठी वाला यह खिलाड़ी पहली बार तब सुर्खियों में आया था जब इन्होंने स्पिनर प्रवीण तांबे की गेंद पर मुंबई टी-20 के एक लीग मैच में इसी साल एक ओवर में 5 छक्के जड़े दिए थे। BPCL की ओर से खेलते हुए इस युवा खिलाड़ी ने DY पाटिल टी-20 टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में भी ताबड़तोड़ 34 रनों की पारी खेली थी और 7 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे। इन्होंने अपनी टीम की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई थी और चयनकर्ताओं के रडार पर तभी से हिट लिस्ट में शामिल थे। 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से मिश्रण के साथ गेंदबाजी के माहिर और मिडिल ऑर्डर में शानदार बल्लेबाजी का हुनर रखने वाले इस खिलाड़ी का चयन किसी सपने के सच होने जैसा है।
5 साल तक नहीं खेला क्रिकेट
मुंबई के इस खिलाड़ी ने अंडर-14 मुकाबलों में हंसराज मोरारजी स्कूल को जाइल्स शील्ड ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई वहीं 15 से लेकर 20 साल की उम्र तक इन्होंने निजी कारणों से खुद को क्रिकेट से दूर रखा। जब इन्होंने लंबे समय बाद क्रिकेट के मैदान पर वापसी की तो इन्होंने लंबे-लंबे छक्के लगाना नहीं भूला थी। इस दौरान इनका वजन बहुत बढ़ गया था। क्रिकेट में खुद को फिट और हिट बनाने के लिए इन्होंने अपना वजन 10 किलो तक कम किया और अब RCB के लिए खेलने के लिए बेताब हैं। आईपीएल में बड़ी बोली लगने के बाद दिए साक्षात्कार में इन्होंने कहा कि 'मुझ पर 5 करोड़ी खिलाड़ी होने का कोई दबाव नहीं है लेकिन अपने फिटनेस को और बेहतर कर अपनी टीम के लिए बेस्ट दूंगा लेकिन फिलहाल मैं रणजी ट्रॉफी खेल रहा हूँ जहां अपनी टीम के लिए बेहतर करना चाहता हूं '.
MUST READ : एक क्लिक में जानिए 8 टीमों के सभी खिलाड़ियों की पूरी सूची
दो सीजन में किया कमाल
विजय हजारे ट्रॉफी में शिवम दुबे ने 9 मैचों में 4.53 की औसत से 13 विकेट अर्जित किए। गेंदबाजी में विविधता इस खिलाड़ी का सबसे बड़ा 'हथियार' है जिसके दम पर उन्होंने क्रिकेट के अलग-अलग प्रारूप में खूब सफलता पाई है। मुंबई के विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में इस खिलाड़ी की भूमिका खास रही है। 50 ओवर के प्रारूप में भी इस खिलाड़ी ने 137.09 की औसत से बल्लेबाजी की है और खूब रन बटोरे हैं। रणजी ट्रॉफी के चार दिवसीय खेल में भी इन्होंने इस साल कमाल किए हैं और अभी मुंबई की ओर से दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। इन्होंने 489 रनों के साथ इस श्रृंखला में 17 विकेट भी चटकाए हैं। पिछले साल इन्होंने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था तब इन्होंने 454 रन बनाए थे और 21 विकेट झटकने की उपलब्धि हासिल की थी। इन्होंने इस दौरान 2 शतक और 2 बार 5 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की।
ALSO READ : आर्किटेक्ट से मिस्ट्री स्पिनर बने स्पिनर की 8.4 करोड़ में लगी बोली
किस गेम ने बदली जिंदगी
दुबे मुंबई की BPCL टीम के लिए क्रिकेट कॉर्पोरेट सर्किल और DY पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी से क्रिकेट खेलते हैं। पिछले साल यंग कॉमरेड्स टूर्नामेंट के फाइनल में इन्होंने ताबड़तोड़ 61 रनों की पारी खेली और 4 विकेट भी चटकाए थे। अपनी टीम को असंभव लगने वाले मैच में इन्होंने जीत दिलाई और इस मैच के बाद इन्हें एक बड़ा स्पॉन्सर मिला। शिवम के मुताबिक यह उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था जिसने दुनिया के सामने इन्हें ऑल राउंडर के तौर पर स्थापित कर दिया।
पापा ने पहचानी प्रतिभा
10 साल के शिवम को उनके घर में काम करने वाले नौकर थ्रो-डाउन की प्रैक्टिस करवाते थे। बतौर खिलाड़ी शिवम के पिता ने उनकी विलक्षण प्रतिभा को पहली बार देखा और पहचाना। मुंबई के मुख्य चयनकर्ता मिलिंद रेगे के मुताबिक 'शिवम गेंद को लंबे दूरी तक हिट करने की क्षमता रखते हैं, ये एक बड़े ही निडर खिलाड़ी हैं जो किसी भी टीम में नंबर-6 के लिए एक आदर्श खिलाड़ी साबित हो सकते हैं' तेज गेंदबाजों की धुनाई करने के माहिर इस खिलाड़ी ने भी माना है कि उन्हें आईपीएल के लिए अपने फिटनेस को थोड़ा और बेहतर करना होगा। मिलिंद के मुताबिक शिवम गेंदबाजी में विविधता और बढ़िया मिश्रण करते हैं लेकिन उन्हें अपनी रफ्तार पर थोड़ा काम करना होगा।