एंजेलो मैथ्यूज
श्रीलंका क्रिकेट टीम के आलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज ने अपना बेस प्राइस इतना ज्यादा रखते हुए सबको चाैंकाया है, क्योंकि उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा नहीं है। एंजेलो मैथ्यूज ने सिर्फ 6 टूर्नामेंट खेले हैं, लेकिन इस दाैरान उनका प्रदर्शन उतना ज्यादा अच्छा नहीं रहा। मैथयूज ने आखिरी सीजन साल 2017 में खेला था, इसके बाद वो अगले 2 सीजन भी नहीं खेल पाए थे। साल 2017 में उन्होंने सिर्फ 3 मैच खेले थे, जिसमें कोई भी विकेट नहीं निकाल सके थे।
साल 2018 और 2019 के सीजन में वह नीलामी दाैरान अनसोल्ड रहे थे। दिलचस्प बात यह है कि दोनों नीलामी में उनका आधार मूल्य 2 करोड़ रुपए था। हालिया फॉर्म की बात करें तो मैथ्यूज ने हाल ही में दिल्ली बुल्स के लिए टी 10 लीग में हिस्सा लिया, लेकिन ज्यादा सफलता के साथ नहीं लौटे। वहीं सभी टीमों के पास पहले से ही आलराउंडर पड़े हुए हैं। ऐसे में खराब दाैर से गुजर रहे मैथ्यूज का 2 करोड़ बेस प्राइस उन्हें एक बार फिर 'अनसोल्ड' की मुहर लगती हुई देखने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
मिशेल मार्श
इस बल्लेबाजी ऑलराउंडर की बोली लगना भी मुश्किल हैं। इसका कारण वैसे तो उनका परफाॅर्मेंस भी है, लेकिन साथ-साथ में उनका बेस प्राइस भी। मिशेल ने आईपीएल 2019 की नीलामी के लिए भी 2 करोड़ बेस प्राइस रखा था, लेकिन किसी ने उन्हें खरीदा नहीं। लेकिन आईपीएल 2020 के लिए भी उन्होंने अपनी कीमत फिर 2 करोड़ रख दी। उन्होंने अबतक खेले आईपीएल में 20 मैचों में 20 विकेट लिए। पर 2016 से वो इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं रहे। यहां तक ति उन्होंने इस साल ऑस्ट्रेलिया के लिए कोई भी टी -20 मैच नहीं खेला है।
लगता है कि इस साल कहानी अलग नहीं होगी, क्योंकि उनके अनसोल्ड रहने की संभावना है। मार्श फिलहाल टेस्ट और वनडे क्रिकेट में अपनी भूमिका दे रहे हैं। 4 ओवर के कोटे में वो नाकाम साबित हो रहे हैं, ऐसे में शायद ही कोई फ्रेंचाइजी 2 करोड़ खर्च करके उन्हें खरीदे। उन्होंने पिछले सीजन में बिग बैश लीग में भाग लिया था लेकिन 7 मैचों में केवल 122 रन और 1 विकेट के साथ वापसी की।
जोश हेजलवुड
यह अविश्वसनीय है कि हेजलवुड ने खुद के लिए बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए निर्धारित किया है। उन्होंने साल 2016 के बाद कोई भी टी20 मैच नहीं खेला है लेकिन फिर भी उन्होंने अपना दाम आईपीएल नीलामी के लिए बड़ा रख दिया। इस गेंदबाज ने आईपीएल में भी डेब्यू नहीं किया। उन्होंने पिछले साल नीलामी के लिए अपना नाम भेजा था लेकिन तब भी वो अनसोल्ड रहे थे। तब कारण बना उनका बेस प्राइस। हेजलवुड ने तब भी 2 करोड़ बेसप्राइस रखा था और अब भी उन्होंने यही रकम रखी है जो फिर उनके लिए मुसीबत बन सकती है।
वहीं हेजलवुड चोट से भी जूझ रहे हैं। उन्हें हैमस्ट्रिंग तनाव का सामना करना पड़ा जिसने उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट से बाहर कर दिया। इसमें कोई शक नहीं कि हेजलवुड टेस्ट के बेहतर गेंदबाज हैं, लेकिन टेस्ट का परफाॅर्मेंस आईपीएल टूर्नामेंट में चयन के लिए एक पैरामीटर नहीं हो सकता। अगर वो अनसोल्ड रहते हैं तो हैरानी वाली बात नहीं रहेगी।