ऐसे होती थी सट्टेबाजी-
अरोठे को जिस कैफे से पकड़ा गया वह उनके बेटे के नाम है जिसमें अन्य दो साझेदारों की भी हिस्सेदारी है। क्राइम ब्रांच की टीम को लीड करने वाले डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस जयदीपसिंह जडेजा ने इस मामले में काफी पर्दाफाश किया है। उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइंफो को बताया इस कैफे में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों की जानकारी उनको लोकल टिप से मिली थी। पुष्टि होने के बाद पूरी टीम ने कैफे में रेड मारी। जहां उनको 14.39 लाख की कीमत के सामान बरामद हुए हैं। इनमें 21 मोबाइल फोन, एक प्रोजेक्टर और नो वाहन शामिल हैं।
अरोठे ने बताया खुद को बेकसूर-
जडेजा ने बताया कि अरोठे को छोड़कर तमाम गिरफ्तार किए लोग युवा हैं। इन लोगों के पास से पुलिस को गैर कानूनी मोबाइल एप बरामद हुई हैं जो आईपीएल मैचों में सट्टा लगाने के काम आती थी। पुलिस के मुताबिक इन ऐप्स के माध्यम से आईपीएल में हर गेंद, बल्लेबाजी क्रम, स्कोर आदि पर सट्टा लगाया जाता है। हालांकि यह ऐप अरोठे से मोबाइल से पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। ऐसे में अरोठे ने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब उनका मोबाइल बिल्कुल पाक-साफ निकला है तब पुलिस ने उनको क्यों गिरफ्तार किया है, वे यह समझ नहीं पा रहे हैं।
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बेटे के दोस्त ने कुबूले सट्टेबाजों से संबंध-
लेकिन अरोठे की हर बात का खंडन करते हुए पुलिस ने कहा है कि अगर कैफे में गैर-कानूनी गतिविधियां हो रही थी तो इसमें कैफे के मालिक भी बराबर की जिम्मेदारी बनती है। जिसके जवाब में अरोठे ने कहा है कि कैफे उनके नाम पर नहीं है बल्कि उनके बेटे ऋषि और उसके दो पार्टनर के नाम पर है। यहां पर पुलिस ने एक अहम जानकारी देते हुए बताया है कि कैफे के तीन पार्टनर में से एक ने यह बात कबूल कर ली है कि उसके सट्टेबाज से संबंध हैं। यह बात सुनकर अरोठे ने हैरानी जताई है कि वे इस मामले में कुछ भी नहीं जानते।