नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में साल 2013 मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के लिए जाना जाता है। IPL के इस सीजन में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने वाले तेज गेंदबाज एस श्रीसंथ और मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले बाएं हाथ के स्पिनर अंकित चव्हाण पर बीसीसीआई ने आजीवन बैन लगा दिया था। हालांकि बीसीसीआई के लोकपाल रिटायर्ड न्यायमूर्ति डीके जैन ने इस केस में सुनवाई के बाद श्रीसंत और अंकित पर लगाए गए आजीवन बैन को घटाकर 7 साल का कर दिया था। जहां श्रीसंत ने अपनी 7 साल की सजा पूरी होने के बाद केरल के लिए घरेलू स्तर पर क्रिकेट में वापसी की है तो वहीं पर अंकित को अभी भी अपनी वापसी का इंतजार है।
उल्लेखनीय है कि श्रीसंत के केस में लोकपाल डीके जैन की ओर से दिए गए आदेश की कॉपी सितंबर 2020 में उनके बैंक खत्म होने से पहले ही आ गई थी, हालांकि अंकित को 3 मई तक अपने आदेश का इंतजार करना पड़ा है। इसके बावजूद उन्हें क्रिकेट में वापसी करने के लिए बीसीसीआई से कन्फर्मेशन लेटर की जरूरत है जो उन्हें अभी तक नहीं मिला है।
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न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए अंकित ने बताया की उन्होंने घरेलू स्तर पर क्रिकेट में वापसी करने के लिए महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए बीसीसीआई से कन्फर्मेशन लेटर की मांग के लिए अपील की है।
उन्होंने कहा, 'लोकपाल डीके जैन ने मुझ पर लगाया गया बैन पिछले साल घटा दिया था और सजा के रूप में मैंने अपने 7 साल सितंबर 2020 में पूरे कर लिए थे, हालांकि फैसले को लेकर लोकपाल की तरफ से जारी किया गया पत्र मुझे 3 मई को मिला जिसे बीसीसीआई ने 19 अप्रैल को हुई वर्चुअल सुनवाई के बाद भेजा है लेकिन अभी भी इस मामले में जारी होने वाली कन्फर्मेशन लेटर प्राप्त नहीं हुआ है। बिना उसके मैं घरेलू क्रिकेट में वापसी नहीं कर सकता और इसी को लेकर मैंने एमसीए को लेटर लिखा है।'
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वही बीसीसीआई की ओर से कन्फर्मेशन लेटर ना मिलने के चलते अंकित अभी भी घरेलू क्रिकेट में वापसी नहीं कर सकते हैं इसी को लेकर उन्होंने अपने घरेलू संघ एमसीए के सामने इस मुद्दे को उठाया है। अंकित ने आगे कहा कि वह चाहते हैं कि बीसीसीआई उन्हें जल्द से जल्द कन्फर्मेशन लेटर मुहैया कराए ताकि वह भी तेज गेंदबाज श्रीसंत की तरह घरेलू क्रिकेट में वापसी कर सकें।