2015 में आरोपों से मिली थी मुक्ति
साल 2015 में दिल्ली की एक ट्रॉयल कोर्ट ने इन तीनों खिलाड़ियों के खिलाफ लगे सभी आरोपों को हटा दिया था जिसके बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने पिछले साल श्रीसंत के लाइफटाइम बैन को घटाकर 7 साल का कर दिया था। इस बीच हाल ही में केरल की घरेलू टीम के जरिये श्रीसंत एक बार फिर से मैदान पर वापसी करने को तैयार हैं। केरल की घरेलू टीम के कोच ने कहा कि अगर श्रीसंत फिटनेस टेस्ट पास कर लेते हैं तो वह जल्द ही केरल की टीम से रणजी ट्रॉफी खेलते हुए नजर आ सकते हैं।
श्रीसंत की तरह मेरे बैन पर भी किया जाये विचार
अब आईपीएल में उनकी टीम के पूर्व साथी अंकित चव्हाण ने भी श्रीसंत का उदाहरण देते हुए बीसीसीआई और अपनी राज्य संस्था एमसीए को ईमेल भेजकर गुबार लगाई है कि उनकी सजा को भी घटाकर 7 साल किया जाये ताकि वह भी श्रीसंत की तरह मैदान पर वापसी कर सकें।
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए चव्हाण ने कहा कि मैं बीसीसीआई से इसी आधार पर अनुरोध करता हूं कि अगर श्रीसंत के प्रतिबंध पर दोबारा विचार किया जा सकता है तो कृपया मेरे प्रतिबंध पर भी दोबारा विचार कीजिए।
बीसीसीआई से नहीं मिला कोई जवाब
गौरतलब है कि केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने श्रीसंत की वापसी को लेकर तैयारी शुरु कर दी है, ऐसे में श्रीसंत अगले रणजी सेशन में केरल की ओर से खेलते हुए दिखाई दे सकते हैं। श्रीसंत साल 2013 में आईपीएल (IPL) में हुई फिक्सिंग के बाद लगे बैन के कारण सात साल से क्रिकेट के मैदान से दूर हैं। इस बीच अंकित चव्हाण ने साफ किया है कि उन्हें बीसीसीआई की ओर कोई जवाब नहीं मिला है।
उन्होंने कहा,'मुझे बीसीसीआई से कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए मुझे अपनी राज्य संस्था को लिखना पड़ा जो एमसीए है। इसलिये मैंने इसी आधार पर लिखा है। मैं संघ से मेरे मामले को बीसीसीआई के समक्ष पेश करने का अनुरोध करता हूं ताकि मेरे प्रतिबंध पर दोबारा विचार किया जा सके।'