कप्तान का काम है सपोर्ट करना
उन्होंने कहा, 'मैं गैरी कर्स्टन को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा लेकिन हर कोच और कप्तान की सोच अलग रहती है। मुझे लगता कि एक माहौल भी बनाया गया कि इरफान पठान की गेंद अब उतनी स्विंग नहीं हो रही। अगर कोई ओपनर है और उसे आप नंबर-7 पर बल्लेबाजी कराते हो उसके प्रदर्शन पर फर्क पड़ेगा। ऐसे में कप्तान का रोल है कि उसको बैक करे, सपोर्ट करे क्योंकि आपने ही तो उसका नंबर बदला।'
शानदार प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिला मौका
इरफान पठान ने कहा कि जब उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला था तो उसमें उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था, हालांकि इसके बावजूद उन्हें दोबारा कभी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का मौका नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, '2012 में खेले गये इस दौरे के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम ने 5 वनडे खेले लेकिन मुझे एक भी मैच में मौका नहीं दिया गया। फिर मैंने कोच गैरी कर्स्टन से पूछा था कि मैं बेहतर के लिए क्या करूं। इस पर उन्होंने कहा था कि उनके हाथ में कुछ चीजें नहीं हैं।'
धोनी ने कहा था सब है बढ़िया, फिर भी नहीं दिया मौका
इरफान पठान ने दावा किया कि कोच गैरी कर्स्टन से पहले एक बार उन्होंने यही बात टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से भी पूछी थी जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि सब ठीक चल रहा है।
उन्होंने कहा, 'मैंने एक बार धोनी से भी साल 2008 में पूछा था कि मैं और कैसे बेहतर करूं तो उन्होंने कहा कि कुछ भी गड़बड़ नहीं है और सब ठीक चल रहा है।'
समर्थन के मामले में रहा दुर्भाग्यशाली
उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि ऋद्धिमान साहा एक साल बाद बिना कोई मैच खेले टीम इंडिया में वापस आए। बीच में ऋषभ पंत ने शतक भी लगाया लेकिन साहा को मौका दिया गया। कई बार किसी क्रिकेटर को सपोर्ट किया जाता है, कोई भाग्यशाली होता है और कोई दुर्भाग्यशाली और मैं दूसरी वाली लिस्ट में हूं।'
आपको बता दें कि इरफान पठान ने अपने करियर के दौरान 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 इंटरनैशनल मैचों में शिरकत की है, जिसके दौरान उन्होंने 100 टेस्ट विकेट, वनडे में 1544 रन बनाने के अलावा 173 विकेट जबकि टी20 इंटरनैशनल में उन्होंने 172 रन बनाने के अलावा 28 विकेट लिए।